शहडोल । जयसिंहनगर न्यायालय के श्रीमान् अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा थाना (जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण) में अभियुक्त अषोक रैदास उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम गंधिया थाना जयसिंहनगर को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में सी0पी0 मिश्रा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जयसिंहनगर द्वारा सषक्त पैरवी की गई तथा संतोष कुमार पाटले एडीपीओ द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। सम्भागीय जनसंपर्क अधिकारी नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि फरियादी ने थाना जयसिंहनगर में आाषय की रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह सोने के लिये बिस्तर लगा रहा था एवं उसके पिता रामबदन तथा उसकी मां चन्द्रवती अपने कमरे में थे। उसी समय द्रुपता देवी मढिया, की तरफ से अषोक रैदास के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। अषोक चिल्ला रहा था, कि मैं ओच्छा काली हूं। अषोक रैदास के चिल्लाने की आवाज सुनकर फरियादी के पिता रामबदन टार्च लेकर द्रुपता देवी के स्थान पर गये और उसके पिता भी चिल्लाने लगे। उसके थोडी देर बाद काषी बैगा के साथ वह भी द्रुपता देवी मढिया, के पास गया एवं देखा कि अषोक रैदास उसके पिता रामबदन को लात-मुक्कों से मार रहा था, उसके पिता जमीन पर गिर गये थे, अषोक मारते समय शेर की तरह गुर्रा रहा था, वह और काषी दोनों डर गये और पीछे लौटकर वह अपनी मां को टार्च के लिये आवाज दिया तथा दौडकर दुकान के पास गया, वहां कुछ लोग मिले तो उनने बताया कि अषोक उसके पिता को मार रहा है। तब वह दौडकर मौके पर पहुंच कर देखा की फरियादी का पिता जमीन पर पडा हुआ था, पूरे शरीर पर खून लगा था और वह खत्म हो गये थे। उसके बाद अषोक, ठाकुर बाबा के पास चला गया और ठाकुर बाबा का पैर पड रहा था। वे लोग उसके पास गये और अषोक से बोले कि तुम घर गांव के होकर यह क्या कर डाले, तो अषोक बोला कि मुझसे गलती हो गयी, मैं रामबदन को मार डाला और अषोक, ठाकुर बाबा के पास पडे डंडे को उठा लिया और डंडा को घुमाते हुये बंधा तरफ भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत तथा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त को दण्डित किया गया।
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