पार्क के अंदर मिला रास्ता, मानव निर्मित जलस्त्रोत, गुफायें और स्तूप, 30 जून तक चलेगा सर्वे
बांधवभूमि, उमरिया
जिले मे स्थित बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान वैसे तो बंगाल टाईगर, घने बांस व इमरती के वृक्षों से आच्छादित सुरम्य वनो के लिये दुनिया भर मे जाना जाता है, परंतु इसका ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी है। माना जाता है कि यह क्षेत्र अनेक रहस्यों से भरा हुआ है। उद्यान और आसपास के इलाकों का गहन सर्वे कर रही भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम को ऐसे ही कई चौंकाने वाले साक्ष्य और अवशेष मिले हैं। आर्कियोलॉजी सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) के अधीक्षक शिवाकांत वाजपेयी के मुताबिक अब तक हुए सर्वे मे यहां 11 गुफाएं, 2 स्तूपों के अलावा 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग और 1800 से 2000 साल पुराने मानव निर्मित जलस्रोत मिले हैं। उन्होने बताया कि बांधवगढ़ मे दूसरे चरण के सर्वे का कार्य गत 1 अप्रेल से शुरू किया गया है, जो 30 जून तक जारी रहेगा। इससे पूर्व पिछले साल 20 मई से 27 जून के एएसआई की टीम द्वारा ताला रेंज मे सर्वे किया गया था।
कला, संस्कृति, संगीत और संतो तपोभूमि
जानकारों के अनुसार करीब 250 वर्ष पूर्व बांधवगढ़ वृहद रीवा रियासत की राजधानी रही थी। माना जाता है कि कला, संस्कृति और संगीत की अनेक प्रतिभाओं ने वर्षो तक यहां साधना की थी। इसके अलावा यह क्षेत्र दण्डकारण्य वन से गुजरने और मां रेवा के दर्शनार्थ आने वाले देश-विदेश के साधु-संतो की तपोस्थली रहा है। इसकी जानकारी जंगलों मे बिखरे स्मृति चिन्हों से मिलती है।
मानव निर्मित संरचनायें
पुरातत्वविदों ने बताया कि बांधवगढ़ मे 2000 साल से भी पुराने समाज का पता चल रहा है। उनके मुताबिक जिस क्षेत्र को इन दिनों बांधवगढ़ के नाम से जाना जाता है। वह पहले कभी व्यापार मार्ग हुआ करता था। इस रास्ते से गुजरने वाले व्यापारी यहां ठहरते भी थे। वही बांधवगढ़ में कई मानव निर्मित जल निकायों का होना इस बात का प्रमाण है कि यहां उस दौर के समाज के लोग भी रहा करते थे। ऊंचाई पर बने जल निकायों का उपयोग बारिश के पानी को इक_ा करने के लिए किया जाता था। यह लगभग 1800 से 2000 साल पुराने हो सकते हैं।
पेंटिंग मे दिख रहा जानवर
बताया गया है कि पार्क में पहले से ही कई अद्भुत गुफाएं हैं। इस सर्वे मे एक रॉक कट गुफा भी मिली है। यह पहली बार है जब इस क्षेत्र मे रॉक पेंटिंग का पता चला है। यह ऐतिहासिक पेंटिंग नहीं है बल्कि लगभग 200 साल पुरानी हो सकती है। पेंटिंग मे एक अद्भुत जानवर दिख रहा है। पुरातत्वविद शिवाकांत वाजपेयी ने बताया की दूसरे चरण मे सर्वे के दौरान बांधवगढ़ के ताला रेंज मे मिली 11 गुफाएं चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। इसके अलावा दो स्तूप भी मिले हैं। इन सभी चीजों पर रिसर्च चल रहा है।
हजारों साल पहले बांधवगढ़ से गुजरते थे व्यापारी
Advertisements
Advertisements