स्वदेशी और सद्भाव भारत की आत्मा
अमहां मे कांग्रेस ने लगाई गांधी चौपाल, ग्रामीणो से विकास और समस्याओं पर चर्चा
बांधवभूमि, उमरिया
बापू की जयंती पर जिले मे 30 जनवरी तक चलने वाली कांग्रेस की गांधी चौपाल का शुभारंभ मानपुर जनपद के ग्राम अमहां मे किया गया। इस मौके मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री, पूर्व विधायक अजय सिंह, ठाकुरदास सचदेव, त्रिभुवन प्रताप सिंह, वरिष्ठ नेता बाला सिंह टेकाम, सेवादल के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, मो. आजाद, राजीव सिंह बघेल एवं कार्यक्रम के संयोजक निवेदनकुमार सिंह सहित बड़ी संख्या मे स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। राष्ट्रपिता के तैलचित्र पर माल्यापर्ण के उपरांत गांधी चौपाल को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक अजय सिंह ने कहा कि बापू ने रोजमर्रा के जीवन मे स्वदेशी सामग्री के इस्तेमाल और आपसी सद्भाव को हमेशा प्राथमिकता दी। जो आगे चल कर देश की आत्मा बन गई। स्वदेशी और सद्भाव की भावना ने देश को आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर किया। आज उन मूल्यों के विपरीत आचरण करने से देश एक बार फिर विदेशों पर आश्रित होता जा रहा है। सरकार लगातार निर्यात को बढ़ावा दे रही है, जिससे रूपये का अवमूल्यन हो रहा है, वहीं उद्योग धंधे बंद होते जा रहे हैं और बेरोजगारी का संकट गहराता जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि इससे पहले कि हालात भयावह हों, प्रत्येक नागरिक को स्वदेशी और सद्भाव की रक्षा का संकल्प लेना चाहिये।
आगे आये युवा पीढ़ी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाला सिंह टेकाम ने कहा कि जनता की उपेक्षा के कारण गावों मे बिजली, पानी तथा मूलभूत सुविधाओं का संकट है। बारिश मे लोगों का सड़क तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। आदिवासियों और जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। कार्यक्रम के संयोजक निवेदन कुमार ने कहा कि बेरोजगारी तथा अन्य समस्याओं के लिये युवाओं को आगे आना होगा।
करकेली मे शामिल हो अमहां
गांधी चौपाल मे ग्रामीणो ने बताया कि अमहां सहित कई गांव मानपुर जनपद मे होने से उन्हे कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे मे इन ग्रामो को करकेली जनपद मे शामिल कराने की पहल होनी चाहिये। इस मौके पर अन्य कई प्रस्ताव आये, जिन्हे कांग्रेस द्वारा सरकार के समक्ष रखे जाने की बात कही गई। कार्यक्रम मे दुर्गेन्द्र सिंह, राहुल चौधरी, परमेश्वर सिंह, बिस्सू, निरपत बैगा, मुन्ना बैगा, रावेन्द्र सिंह, सीताराम सिंह, कमलभान, चंद्रभान सहित कई ग्रामीणो ने हिस्सा लिया।
स्वदेशी और सद्भाव भारत की आत्मा
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