स्टोव, लालटेन बाजार से गायब

स्टोव, लालटेन बाजार से गायब
मिट्टी तेल न मिलने से बढ़ी समस्या, मंहगाई ने सीमित किये रसोई के विकल्प
बांधवभूमि, उमरिया
लोगों के जीवन को चुनौतीपूर्ण बनाने वाली मंहगाई के कारण रसोई के विकल्प तेजी से कम हो रहे हैं। विशेषकर केरोसीन से जलने वाले स्टोव घरों मे कबाड़ हो गये हैं। वहीं बाजारों से यह मशीन गायब है। हार्डवेयर के दुकानदारों ने बताया कि स्टोव और लालटेन कभी उनके दुकानो का एक महत्वपूर्ण आयटम होता था। अलग-अलग कम्पनियों और सस्ते-मंहगे स्टोव के ग्रांहक दिन भर लगे रहते थे, जैसे ही गैस सिलेण्डर का चलन शुरू हुआ, इसकी खरीद बेहद कम रह गई। हलांकि ग्रामीणो के अलावा कुछ शहरी क्षेत्र मे इसकी मांग अभी भी बनी हुई थी, परंतु जबसे मिट्टीतेल मंहगा हुआ है, रही सही कसर भी पूरी हो गई है। बताया गया है कि मांग न होने की वजह से शहर के दुकानदारों ने स्टोव और लालटेन रखना ही बंद कर दिया है।
स्टेटस सिंबल था स्टोव
गौरतलब है कि आज से करीब 20-25 वर्ष पूर्व लकड़ी युग के बाद शहरों मे स्टोव रसोई का अहम हिस्सा बन कर सामने आया था। विशेषकर मध्यम वर्गीय परिवारों के लिये यह स्टेटस सिंबल जैसा था। धुआं और राख न होने के सांथ ही बेहद सस्ते केरोसीन ने इसे घर-घर की जरूरत बना दिया। फिर आया एलपीजी गैस का जमाना, जिसमे बटन दबाते ही चूल्हा जल उठता था। इसमे न फूंकने की झंझट थी न टंकी भरने की। इस सहूलियत की वजह से स्टोव की जगह आसानी गैस सिलेण्डर और चूल्हे ने ले ली।
मजबूरी का नाम एलपीजी
मंहगाई के कारण केरोसीन और घरेलू गैस आम आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक महज 10 रूपये लीटर मे मिलने वाला मिट्टी का तेल अब 80 को पार कर गया है। वहीं एलपीजी 1100 रूपये से आगे निकलने को बेताब है। गांवों मे तो फिर भी भोजन के लिये लकड़ी के उपयोग का एक विकल्प है परंतु शहर के लोगों के पास एलपीजी के अलावा कोई चारा नहीं है।
जिले मे बंद मिट्टी तेल की सप्लाई
इधर जिले मे अब मिट्टी तेल की सप्लाई पूरी तरह बंद हो गई है। सूत्रों के मुताबिक विगत वर्ष से इसके दाम लगातार बढ़ाये जा रहे थे। दो महीने पूर्व केरोसीन 82 रूपये प्रति लीटर हो गया। जिसके बाद लोगों ने इसे लेना ही बंद कर दिया। जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी बीएस परिहार ने बताया है कि डिमाण्ड न होने के कारण मिट्टीतेल नहीं मंगवाया जा रहा है।
वर्कशॉप संचालकों की दिक्कत बढ़ी
उल्लेखनीय है कि मिट्टीतेल का उपयोग भोजन पकाने, लालटेन के अलावा व्हीकल और अन्य उपकरणों की मरम्मत, मशीनो की धुलाई इत्यादि मे भी होता है। बीते तीन महीनो से सप्लाई बंद होने के कारण सहकारी समितियों मे बचा-कुचा माल भी खत्म हो गया है। इससे आटोमोबाईल वर्कशॉप तथा अन्य रिपेयरिंग का काम करने वाले दुकानदारों के लिये बड़ी समस्या पैदा हो गई है।

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