स्टेट साइबर घूसकांड में 6 चेहरे बेनकाब

TI और SP भी मिले हुए थे, 3 लाख रुपए लेने करनाल केस की जांच छोड़ नोएडा पहुंच गई थी महिला एसआई

जबलपुर। धोखाधड़ी के आरोपी को धमका कर 28.70 लाख की रिश्वत लेने के मामले में स्टेट साइबर सेल के छह अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। तीन मुख्य आरोपी जहां नोएडा पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। वहीं, थाने में पदस्थ महिला एसआई और हटा दिए गए टीआई व एसपी की भूमिका होने का भी खुलासा हुआ है। महिला एसआई ने करनाल की बजाय नोएडा पहुंच कर जहां रिश्वत के तीन लाख रुपए लिए थे। वहीं, जबलपुर में बैठे टीआई अपने एक अलग नंबर से खुद और एसपी से नोएडा गई टीम के लगातार संपर्क में थे। इस नंबर की रिकाॅर्डिंग और डाटा इस जांच रिपोर्ट में लगाई गई है।

एडीजी ने भी गृह विभाग को भेजी रिपोर्ट
जांच अधिकारी स्टेट साइबर सेल भोपाल के एसपी गुरुकरन सिंह ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट एडीजी को सौंप दी थी। एडीजी ने ये रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी है। अब सभी छह अधिकारी व कर्मी पर आगे की कार्रवाई का निर्णय गृह विभाग लेगा। मामले में जहां नोएडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार एसआई पंकज साहू, राशिद परवेज खान व आरक्षक आसिफ अली को निलंबित किया जा चुका था। वहीं, अब तीनों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

ये तीन चेहरे और आए सामने
IPS गुरुकरन सिंह की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि तीनों मुख्य आरोपियों के अलावा इस रिश्वत कांड में महिला SI रितु उपाध्याय ने तीन लाख रुपए लिए थे। वह करनाल के प्रकरण में अनुमति लेकर आरक्षक विजय के साथ गई थी, पर वहां न जाकर नोएडा आ गई थीं। हालांकि आरक्षक विजय की मिलीभगत नहीं मिली। वहीं, टीआई हरिओम दीक्षित का एक मोबाइल नंबर मिला, जिस पर वह खुद और एसपी अंकित शुक्ला से टीम की लगातार बात कराते थे। टीम के 15 दिसंबर को रवाना होने से पहले और गिरफ्तारी होने तक वे लगातार उनके संपर्क में रहे।

तीनों पुलिस कर्मियों ने बयान में भी लिया था नाम
UP के नोएडा में MP पुलिस की हुई किरकिरी के बाद जांच करने नोएडा पहुंचे SP गुरुकरन सिंह ने कोर्ट की अनुमति लेकर तीनों पुलिस कर्मियों के बयान लिए थे। वहीं से टीआई के इस नंबर का पता चला था। इसके बाद इसकी सीडीआर सहित अन्य जानकारी प्राप्त की गई। तीनों पुलिस कर्मियों ने बयान में उक्त महिला एसआई, टीआई व एसपी की भूमिका का खुलासा किया था। तीनों के बयान, तथ्य और दस्तावेजों के आधार पर नोएडा एसपी ने रिपोर्ट में तीनों को बराबर का दोषी बताया है।

ये था पूरा मामला
जबलपुर निवासी चंद्रकेतु के साथ हुई 54 हजार की धोखाधड़ी के आरोपी सूर्यभान को ब्लैकमेल कर 28.70 लाख रुपए वसूल लिए। इसमें तीन लाख रुपए नकद लिए। 24 लाख रुपए बिटक्वाइन और 1.70 लाख रुपए चंद्रकेतु के खाते में ट्रांसफर कराए थे। 15 से 18 दिसंबर के बीच हुए इस रिश्वत कांड की पोल नोएडा में 18 काे हुई पिस्टल लूटकांड ने खोल दी। दरअसल, पिस्टल छिनवाने का षड्यंत्र सूर्यभान ने दोस्तों के साथ मिलकर रचा था। नोएडा पुलिस ने सूर्यभान व उसके दोस्त शशिकांत को दबोचा, तो इस रिश्वत कांड का खुलासा हुआ था। इसके बाद नोएडा पुलिस ने दोनों लुटेरे व उक्त तीनों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया था।

आगे क्या

रिपोर्ट जांच अधिकारी गुरुकरन सिंह ने एडीजी स्टेट साइबर सेल ए साईं मनोहर को सौंप दी है। उन्होंने रिपोर्ट को गृह विभाग को भेज दिया है। आगे इन तीनों पुलिस अधिकारी व कर्मियों के भी निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। नोएडा पुलिस भी इन तीनों को अपने यहां दर्ज फ्रॉड प्रकरण में 120बी का आरोपी बनाने की तैयारी में है। इनके खिलाफ भी सीएम की मंशा के अनुरूप सख्त कदम सरकार उठा सकती है।

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