सोशल साईट पर खुली ठगी की दुकानें

कुकरमुत्तों की तरह उगे एप्प, बर्बाद हो रही सीधे-सादे लोगों की जिंदगी
बांधवभूमि, उमरिया
अपने विचारों और जानकारियों के त्वरित आदान-प्रदान की सुविधा के कारण हर व्यक्ति की जरूरत बन चुकी सोशल मीडिया अब कई तरह के फ्राड और जोखिम का सामान बन चुकी है। मोबाईल खोलते ही फेसबुक पर जुआं, अश्लीलता, लाटरी से लेकर कई तरह के प्रलोभन सामने आ जाते हैं। जरा सी असावधानी हमे तुरंत ही ठगी का शिकार बना सकती है। जिले मे भी आये दिन नंबर हैंक कर लोगों के रिश्तेदारों से पैसे मांगे जाने, ऑनलाईन सेक्स, एटीएम रिन्यूवल तथा सामान खरीदी का पैसा ट्रांसफर करने का झांसा देकर पिन नंबर लेने, फिर बैंक खातों से राशि साफ करने जैसे कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही मे भोपाल का एक युवक लोन ऐप के झमेले मे ऐसा फंसा कि पूरे परिवार को ही खुदकुशी जैसा कदम उठाना पड़ा। इसलिये जरूरी है कि इस आधुनिक सेवा का उपयोग करते समय स्वयं तो पूरी सावधानी रखें ही, अपने परिवार को भी समय-समय पर जागरूक करते रहें।
जरूरतमंदों को बनाते हैं शिकार
गौरतलब है कि लोन ऐप को लेकर आरबीआई ने गाइडलाइंस जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वहीं सरकार ने भी कुछ ऐसे ऐप्स पर बैन लगाया है, फिर भी चोरी छिपे इनका काम अभी तक चल रहा है। इन ऐप के जरिए ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद लोगों को तुरंत लोन देने का लालच देकर अपना शिकार बना रहे हैं। जानकारों के मुताबिक तुरंत लोन का लालच देकर लोगों को फंसाने वाले ऐप पहले सोशल मीडिया साइट्स पर अपने एड चलाते हैं। जिनमे कम ब्याज दर पर झटपट कर्ज देने का दावा किया जाता है। जरूरतमंद लोग लालच मे आकर ऐप्स को अपनी निजी जानकारी देकर लोन ले लेते हैं, लेकिन रिकवरी के समय उनको बुरी तरह ब्लैकमेल किया जाता है।
नहीं रूक रही धोखाधड़ी
डिजिटल लेंडिंग फ्रॉड के मामलों मे हो रही बढ़ोतरी को लेकर सरकार और आरबीआई ने सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने डिजिटल लोन मुहैया कराने वाले ऐसे कई चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाया है। वहीं आरबीआई ने भी इन्हें लेकर कड़ी गाइडलाइंस जारी की है, इसके बावजूद ऐसे ऐप्स पर शिकंजा नहीं लग पा रहा है। बताया जाता है कि अभी भी इस तरह के कई ऐप्स चलन में हैं जो लोगों को सस्ती दर पर लोन दिलाने का वादा करके उन्हे अपना शिकार बना रहे हैं।
चौकन्ने रहें नागरिक
नागरिकों को सोशल साईट्स पर चल रहे फ्रॉड से चौकन्ना रहने की जरूरत है। यदि लोन की जरूरत हो, तो राष्ट्रीयकृत बैंक या अधिकृत फाइनेंशियल कंपनी मे आवेदन करें। किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक खाते, पासबुक, पेटीएम, एटीएम, पिन, ओटीपी आदि की जानकारी कतई न दें।
प्रमोद कुमार सिन्हा
पुलिस अधीक्षक, उमरिया

समस्या को तत्काल उजागर करें
ऑनलाइन लोन का कारोबार एक सामाजिक समस्या बन गया है। इसी के चलते नीलबड़ निवासी भूपेंद्र विश्वकर्मा, उसकी पत्नी और बच्चों को खुदकुशी जैसा कदम उठाना पड़ा। सोशल मीडिया पर ऐसी कई कंपनियां खुल गई हैं, जिनका मकसद लोगों को प्रताडि़त कर उनके सांथ ठगी करना है। इसके लिये शासन को कड़े और प्रभावी कदम उठाने चाहिये। लोगों को भी चाहिये कि यदि कोई कम्पनी लोन के लिए उन पर मानसिक दबाव बना रही है तो इसे अपने तक सीमित ना रखें, बल्कि पड़ोसियों, रिश्तेदारों, पुलिस तथा प्रशासन को तत्काल अवगत करायें। जिससे उन पर समय रहते कार्यवाही हो सके।
वंदना द्विवेदी
एडवोकेट, उमरिया

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