कोई दस्तावेज नहीं, जिसमें नेहरू या लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताया
नई दिल्ली। नई संसद के इनॉगरेशन में अब 2 दिन बचे हैं, लेकिन इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। सेंगोल (राजदंड) पर भाजपा के दावों को कांग्रेस ने झूठा करार दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि सेंगोल (राजदंड) को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर आजादी के समय नेहरू को इसे सौंपा था। इससे जुड़े सभी दावे गलत हैं। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेसियों ने सेंगोल को वॉकिंग स्टिक समझा और संग्रहालय में भेज दिया था। पीएम मोदी नई संसद के इनॉगरेशन के वक्त 75 रुपए का सिक्का भी जारी करेंगे।
वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से झूठ फैलाया जा रहा
जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है- इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि नई संसद को वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिले ज्ञान से दूषित किया जा रहा है। बीजेपी-क्रस्स् बिना सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा, सेंगोल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण बीजेपी का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है। यह सच है कि सेंगोल (राजदंड), जिसको तत्कालीन मद्रास प्रांत में एक सनातन समूह ने बनाया था और मद्रास में ही तैयार करने के बाद अगस्त 1947 में देश के तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। लेकिन इस बात का भी कोई भी दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू ने इस राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया हो। इससे पता चलता है कि इनके सभी दावे पूरी तरह से झूठे और बोगस हैं। हो सकता है उनको यह ज्ञान वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिला हो।
कांग्रेस को भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों: अमित शाह
नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री शाह ने लिखा है, कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा पंडित नेहरू को एक पवित्र सेंगोल (राजदंड) दिया गया था, लेकिन इस ‘वॉकिंग स्टिक’ के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया था। अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया है। एक पवित्र शैव मठ, थिरुवदुथुराई अधीनम ने स्वयं भारत की स्वतंत्रता के समय सेंगोल के महत्व के बारे में बात की थी। कांग्रेस अधीनम के इतिहास को झूठा बता रही है। कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी. राजगोपालाचारी और जवाहरलाल नेहरू द्वारा ‘सेंगोल’ को अंग्रेजों द्वारा भारत में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में वर्णित करने का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, इस आशय के सभी दावे पूरी तरह से बोगस और कुछ लोगों के दिमाग में निर्मित हैं। कांग्रेस नेता रमेश ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और उनकी ढपली बजाने वाले तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए औपचारिक राजदंड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसके पहले भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी (जिन्हें राजा जी के नाम से जाना जाता है) के परपौते सीआर केसवन ने नए संसद भवन में ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ स्थापित करने के फैसले पर प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की थी। उन्होंने कहा, भारत की सभ्यतागत विरासत और परंपराओं की गहरी समझ रखने वाला व्यक्ति ही यह सुनिश्चित कर सकता था कि इस तरह की महत्वपूर्ण घटना को इतिहास में उचित स्थान दिया जाए।
भाजपा नेता केसवन ने कहा, हम में से बहुत लोग पवित्र राजदंड जो कि ‘सेंगोल’ है, उसके साथ अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण की इस महत्वपूर्ण घटना के बारे में नहीं जानते। एक भारतीय के रूप में, मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्हें भारत की सभ्यतागत विरासत और परंपराओं की बहुत गहरी समझ है। भारतीय संस्कृति और हमारे मूल्यों के प्रति गहरा सम्मान रखने वाला ही यह सुनिश्चित कर सकता था कि इस तरह की एक महत्वपूर्ण घटना को गुमनामी से वापस लाया जाए और इतिहास में उचित स्थान दिया जाए।
सेंगोल पर भाजपा के दावे झूठे:कांग्रेस
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