जनजातीय मंत्री ने वन विभाग को लिखा पत्र, आंदोलन कर रहे कर्मियों से की मुलाकात
बांधवभूमि, रामभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। शासन की जनजातीय मंत्री सुश्री मीना सिंह ने बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के सुरक्षा श्रमिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनका त्वरित निराकरण करने की जरूरत पर बल दिया है। इस संबंध मे उन्होंने वन विभाग को पत्र लिखा है। सांथ ही जल्दी ही सभी परिस्थितियों से सीएम शिवराज सिंह को अवगत कराने की बात भी कही है। उनका कहना है कि नेशनल पार्क के श्रमिक वर्षों से तमाम तरह की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। इनमे से कोई 10 तो कोई 20 साल से सेवाएं दे रहा है, इसके बावजूद उनका नियमितीकरण नहीं हुआ है। ऐसे मे जरा सी चूक होने या वरिष्ठ अधिकारियों की नाराजगी के कारण आये दिन कर्मियों को हटा दिया जाता है। मंत्री सुश्री सिंह ने उम्मीद जताई है कि नियमों के मुताबिक रास्ता निकाल कर जल्दी ही इस समस्या का निराकरण किया जाएगा।
तीसरी बार हो रही हड़ताल
उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे लगभग 700 सुरक्षा श्रमिक हैं। जो बीते कई दिनों से नियमितीकरण, वरिष्ठता सूची, एरियर्स, भत्ता, मुआवजा सहित कई मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले भी वे दो बार इन्हीं मुद्दों पर हड़ताल कर चुके हैं। सरकार व प्रबंधन के आश्वासन पर हर बार अपना आंदोलन समाप्त किया गया पर मांगे पूरी नहीं हुई। जिससे व्यथित हो कर 26 जून को वन विभाग दैनिक श्रमिक प्रकोष्ठ संघ मध्यप्रदेश के नेतृत्व मे तीसरी बार हड़ताल शुरू कर दी गई। यह जानकारी मिलते ही जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने मौके पर पहुंच कर कर्मचारियों से भेंट की और उन्हें इस मामले का हल शासन स्तर से कराने का भरोसा दिलाया।
चरमराई सुरक्षा व्यवस्था
इस हड़ताल के कारण बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे वन तथा वन्य जीवों की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि प्रबंधन द्वारा कुछ स्थाई कर्मी और वन रक्षकों को यह काम सौंपा गया है, लेकिन उनकी तादाद इतनी नहीं है कि समूचे क्षेत्र मे मुस्तैदी से इंतजाम किया जा सके। विदित हो कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क बाघ, भालू, चीते जैसे विभिन्न दुर्लभ जानवरों और बेशकीमती इमरती के वृक्षों के लिये जाना जाता है। वहीं बायसन प्रोजेक्ट की सफलता के बाद हाल ही पार्क मे बारहसिंघा को बसाने की कवायद शुरू की गई है। दूसरी ओर क्षेत्र मे जंगली हांथियों का उत्पात तथा शिकारियों की गतिविधियां अमले के लिए चुनौती बनी रहती है। इन सबके बीच बड़ी संख्या मे सुरक्षा श्रमिकों की हड़ताल ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।
वरिष्ठ अधिकारियों की गैरमौजूदगी से बढ़ी दिक्कतें
जानकारों का मानना है कि स्टाफ की कमी और जिम्मेदार अधिकारियों की गैर मौजूदगी के कारण राष्ट्रीय उद्यान मे समस्याएं बढ़ी हैं। विगत कई दिनों से पार्क के क्षेत्र संचालक दीपक मिश्रा लंबी छुट्टी पर थे। वहीं उप संचालक लवित भारती प्रशिक्षण के लिए दिल्ली प्रवास पर थे। जिसकी वजह से इतना समय बीत जाने के बाद भी श्रमिकों का मामला नहीं निपट सका। इसके अलावा रोजमर्रा के कई काम भी बुरी तरह प्रभावित हैं।
सुरक्षा श्रमिकों की मांगों पर हो शीघ्र विचार
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