कवच सिस्टम तत्काल लागू करने की मांग] 13,215 रेल इंजन में से सिर्फ 65 में कवच सिस्टम
नई दिल्ली । बालासोर में हुई भीषण रेल हादसे की जांच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक वकील जिनका नाम विशाल तिवारी है उन्होंने इस मामले को लेकर याचिका दाखिल की है। इस याचिका में दुर्घटना से बचाने वाले कवच सिस्टम को यथाशीघ्र लागू करने की मांग की गई है। वहीं जानकारी के अनुसार देश में कुल 13,215 इलेक्ट्रिक इंजन में से सिर्फ 65 लोको इंजनों को ही कवच से लैस किया गया है।
उधर ओडिशा के बालासोर में 2 जून की शाम हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 275 बताई जा रही है। हादसे की शिकार हुई दोनों ट्रेनों में कवच सुविधा (ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम) नहीं था। कवच सिस्टम होता तो बालासोर हादसे को रोका जा सकता था। सालभर पहले 4 मई को सिकंदराबाद जोन में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव रेल हादसा रोकने के लिए इंजनों को सुरक्षा का कवच पहनाने की घोषणा की थी। लेकिन तब से भारतीय रेलवे कवच सुविधा देने में नाकाम रहा है। भारतीय रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष में देशभर में 5000 किलोमीटर के रूट पर इसे लगाना चाहता है।
18 रेलवे जोन में प्रक्रिया शुरू नहीं हुई
एक साल में देश के 19 रेलवे जोन में से सिकंदराबाद जोन के अलावा किसी भी जोन में कवच लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। देश में हाल में कुल 13,215 इलेक्ट्रिक इंजन हैं। इनमें सिर्फ 65 लोको इंजनों को ही कवच से लैस किया गया है। दरअसल, ये डिवाइस इंजन और पटरियों में भी लगा होता है। इसके प्रभाव वाले क्षेत्र में जैसे ही दो ट्रेन या इंजन आते हैं, सिस्टम ऑन होकर इंजन में ब्रेक लगाना शुरू कर देता है। ट्रेन रुक जाती है। रेलवे बोर्ड इस संकेत की वजह से हादसों पर नियंत्रण करने का दावा करता है।
सिकंदराबाद में जोन का 1098 रूट किमी में कवच
दक्षिण मध्य रेलवे की चल रही परियोजनाओं में 1,098 रूट किमी और 65 इंजनों पर कवच डिवाइस इस्तेमाल किया गया है। यह बीदर-परली वैजनाथ-परभणी और मनमाड़-परभणी-नांदेड़-सिकंदराबाद-गडवाल-धोन-गुंतकल सेक्शन पर दक्षिण मध्य रेलवे के करीब 1200 रूट किमी पर काम कर रहा है।
कांग्रेस ने मांगा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा
ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद कांग्रेस ने रेल मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है। गौरतलब है कि रेल हादसे के बाद से ही कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और किसी की जिम्मेदारी अभी तक तय नहीं की गई है। रविवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हम मानव त्रासदी के दौरान राजनीतिक स्कोर की तलाश नहीं करते हैं। माधवराव सिंधिया, नीतीश कुमार और लाल बहादुर शास्त्री ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया था। रेल मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए लेकिन मोदी और नैतिकता विपरीत दिशा में चलती है।कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि इस्तीफा देने का मतलब है नैतिक जिम्मेदारी लेना। इस सरकार में न जिम्मेदारी दिखती है, न नैतिकता। प्रधानमंत्री जी, ये देश उम्मीद करता है कि जिस तरह लाल बहदुर शास्त्री जी, नीतीश कुमार जी, माधव राव सिंधिया ने इस्तीफा दिया था, उस तरह आप भी अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लें।इस दौरान कांग्रेस ने सवाल उठाया, क्या पीएम मोदी सदी की सबसे भयावह रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगे? क्या प्रधानमंत्री अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लेंगे? कैग, पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी जैसी रिपोर्ट्स पर पीएम की तरफ से कौन जवाब देगा? हमारी स्पष्ट मांग है कि रेल मंत्री को तुरंत हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने प्रेसवार्ता में कहा कि रेल हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदनाएं हैं। भारतीय सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और ओडिशा के लोगों को धन्यवाद लेकिन हमारी सरकार उतनी संवेदनशील नहीं है। प्रधानमंत्री ने अपने चारों तरफ कवच बना लिया है, जो आपको स्क्रूटनी से बचा लेता है, जिम्मेदारी से बचाता है, छवि बचाता है लेकिन देश की सीमाओं और रेल यात्रियों को नहीं मिलता है। पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि रेल मंत्री ट्रेनों में कवच की बात करते हैं लेकिन असल कवच तो पीएम मोदी के पास है। यह ऐसा कवच है जो पीएम को सभी जांच और टेलीविजन बहस से बचाता है लेकिन यह देश के लोगों की रक्षा नहीं करता है।
रेल मंत्री बोले- ओडिशा रेल हादसे की CBI जांच होगी
ओडिशा में शुक्रवार शाम को हुए रेल हादसे की CBI जांच कराई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम को बालासोर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। रविवार सुबह एक्सीडेंट साइट का जायजा लेने के बाद रेल मंत्री ने कहा था- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। जिम्मेदारों की पहचान भी कर ली गई है।रेल मंत्री के इस बयान के कुछ देर बाद रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कहा- शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।