नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल में त्यौहारों के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जिसके बाद अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही पटाखों के उपयोग को विनियमित करने का आदेश पारित कर दिया है। इसके पहले उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है,जिसमें बेरियम साल्ट होता है। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा था कि किसी प्राधिकार को उसके द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन और उत्सव के नाम पर प्रतिबंधित पटाखों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित पटाखों पर बैन लगाने वाला आदेश पूरी तरह से गलत था, जबकि उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों की अनुमति सीमा में ग्रीन पटाखे जलाने की छूट दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द किया
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