ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा मामला
नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित ‘शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। कार्बन डेटिंग कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी। हाई कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित ‘शिवलिंग का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कराने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के अनुसार इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि शिवलिंग कितना पुराना है। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हुजेफा अहमदी ने मामला उठाकर कहा कि मामले में जल्द सुनवाई की दरकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वजू का इलाका विवाद का केंद्र रहा है। हिंदू पक्षकारों का कहना है कि वहां शिवलिंग मिला है। दरअसल हिंदू पक्षकारों ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत मांगी थी। मस्जिद परिसर के दीवार से सटी मां श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत मांगी गई थी। इसके लिए वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि यह हिंदू मंदिर था और हिंदू देवी देवताओं का स्थल है। वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सर्वे कमिशन बनाया था। इसकी रिपोर्ट 19 मई 2022 को आई। सर्वे रिपोर्ट से पहले कोर्ट की ओर से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट को बताया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्षकारों ने भी दावा किया कि परिसर में शिवलिंग मिला है। वहीं मुस्लिम पक्षकारों का कहना था कि वह फव्वारा है। इसी बीच मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सर्वे को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कथित ‘शिवलिंग के ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर लगाईरोक
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