सीधी बस हादसा: दूसरे दिन नहर से निकले 4 शव, मृतकों की संख्या 51 हुई

सीएम के सामने फूटा गुस्सा, परिजन बाले-जिम्मेदारों को सस्पेंड नहीं, बर्खास्त करिए
सीधी/भोपाल। सीधी बस हादसा कई परिवारों को कभी न मिटने वाला गहरा जख्म देकर गया है। हादसे में मरने वालों की संख्या 51 हो चुकी है। मंगलवार रात तक 47 शव मिले थे। बुधवार को 4 शव और मिले, जिसमें 5 महीने की बच्ची का शव रीवा में मिला। उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार दोपहर सीधी के रामपुर नैकिन पहुंचे। सीएम बस हादसे में मृत लोगों के घर पहुंचे और परिजनों को ढाढस बंधाया। कुछ जगह परिजन उनसे लिपटकर रो पड़े तो शिवराज भावुक हो गए। इस दौरान उन्हें परिवार के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। एक परिवार ने जाते-जाते उनसे कहा कि रहम मत कीजिए। सस्पेंड करना समाधान नहीं। जिम्मेदार रोड और पुलिसवालों को पद से हटाइए।
इधर, हादसे के बाद पूरे प्रदेश में प्रशासन ने बसों की चेकिंग शुरू कर दी है। बुधवार को जांच के दौरान दो बसें भी जब्त की गईं। अमूमन हादसे के बाद कार्रवाई की रस्म अदायगी हर सरकार कराती रही है। अभी तक दो बसें जब्त की हैं। मुख्यमंत्री ने गांव पहुंचकर पीडि़त गुप्ता परिवार से मुलाकात की। सीएम ने संवेदना व्यक्त कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इस पर परिवार ने कहा, अगर सड़क जाम नहीं होती, तो हमारे बच्चे और पत्नी जिंदा होती, सड़क बनवा दीजिए। जो मेरे साथ हादसा हुआ, किसी और परिवार के साथ ना हो। सुरेश गुप्ता अपनी बहू पिंकी और पोते अथर्व के साथ सफर कर रहे थे। सुरेश बच गए, जबकि बहू-पोता नहर में डूब गए। उन्होंने आगे कहा कि हादसे में जो बेटे-बेटी और भाई-बहन चले गए, उनकी जिंदगी तो नहीं लौटा सकते, लेकिन परिजनों की जिंदगी कैसे आसान बने, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। मैं घटना के मूल कारणों तक जाने की कोशिश करूंगा।

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