‘तारीख पे तारीख’ से निपटने का नया फॉर्मूला
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केस के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी अपने पूर्ववर्ती जस्टिस यूयू ललित की राह पर चल पड़े हैं। हालांकि, उनका अप्रोच थोड़ा अलग है, उन्होंने ध्यान में रखा है कि जजों को काम का बोझ महसूस नहीं होना चाहिए। सीजेआई चंद्रचूड़ ने करीब 70 हजार पेडिंग केसों से निपटने के लिए धीमा पर स्थाई तरीका निकाल लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट की सभी 13 बेंच के सामने हर दिन 10-10 जमानत याचिका और 10-10 ट्रांसफर केस सुनवाई के लिए लिस्ट होंगी।
इस तरह सुप्रीम कोर्ट में हर दिन बेल और केस ट्रांसफर से जुड़े 130-130 मामलों की सुनवाई होगी। हफ्ते में 650-650 केस। सीजेआई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को ओपन कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में इस बात पर ध्यान गया कि एक राज्य से दूसरे राज्य में केस ट्रांसफर करने की मांग वाली 3000 से ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं। इनमें से ज्यादातर शादी से जुड़े विवाद की हैं। उन्होंने कहा अगर हर दिन हर बेंच में ऐसे 10-10 केस की सुनवाई हो तो हफ्ते में 650 मामलों की सुनवाई हो जाएगी। इस तरह 5 हफ्ते में यानी इस साल के बीतने से पहले ऐसे सारे मामलों की सुनवाई हो जाएगी। इससे पहले पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने भी लंबित मामलों को कम करने पर जोर दिया था। सीजेआई के तौर पर अपने 74 दिनों के कार्यकाल में जस्टिस ललित ने हर रोज सुनवाई के लिए लिस्ट होने वाले केसों की संख्या बढ़ा दी थी। इसकी वजह से जजों पर काम का बहुत ज्यादा बोझ बढ़ गया था। इसे लेकर 13 सितंबर को जस्टिस संजय कौल की अगुआई वाली बेंच ने कह भी दिया था कि नए लिस्टिंग सिस्टम में मामलों की सुनवाई के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ सीजेआई चंद्रचूड़ लंबित मामलों को कम करने के लिए सभी जजों को विश्वास में लेने और बिना किसी मानवीय दखल के तकनीक की मदद से केसों की लिस्टिंग को तेज करने का सिस्टम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि शनिवार, सोमवार और मंगलवार को रजिस्टर होने वाले सभी मामले अगले सोमवार को सुनवाई के लिए लिस्ट हों। गुरुवार और शुक्रवार को रजिस्टर होने वाले मामलों को अगले शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाए।