ग्राहकों का फिजिकल सत्यापन करना अनिवार्य हो सकता
नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन अपराध के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने मोदी सरकार अब कुछ कठोर कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकार नया सिम कार्ड जारी करने और बैंक खाता खुलवाने के नियमों को और सख्त कर सकती है मोदी सरकार का इरादा मोबाइल सिम लेने वाले और बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्ति से संबंधित सभी जानकारियों की पूरी जांच-पड़ताल करने का है, ताकि किसी दूसरे व्यक्ति के कागजातों का इस्तेमाल इन इन दोनों कामों के लिए न हो सके। बताया जा रहा, टेलीकॉम ऑपरेटर और बैंकों के लिए ग्राहकों का फिजिकल सत्यापन करना अनिवार्य किया जा सकता है। वर्तमान में बैंक खाता खुलवाने और सिम लेने के लिए जब भी कोई आवदेन करता है, तब ऑनलाइन ई-केवाईसी के द्वारा आधार से डिटेल्स लेकर उस सत्यापित किया जाता है। वहीं, कंपनियों का खाता भी सिर्फ इन्कॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट से ही खुल जाता है। बीते कुछ वर्षों से बैंकों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा फर्जी कागजातों पर मोबाइल सिम लेकर उसका प्रयोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में भी खूब हो रहा है। आसानी से सिम उपलब्ध होने और बैंक खाता खुल जाने की वजह से ऐसा हो रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में बैंक फ्रॉड के मामलों में फंसी रकम 41,000 करोड़ रुपये थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नया सिम कार्ड जारी करने और बैंक खाता खुलवाने प्रक्रिया में सरकार अब बदलाव करने की तैयारी में है। अब सरकार केवाईसी नियमों को सख्त करने पर विचार कर रही है। इसके तहत सरकार ग्राहकों के फिजिकल सत्यापन को अनिवार्य कर सकती है। मतलब ये है कि आधार वेरिफिकेशन से फिलहाल जो बैंक खाता खोलने और मोबाइल सिम लेने की सुविधा दी जा रही है, वह बंद हो सकती है। टेलीकॉम ऑपरेटर और बैंकों को सरकार जल्द ही नए नियम लागू करने को कह सकती है। गृह मंत्रालय ने वित्त, और टेलीकॉम मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर रिव्यू मीटिंग भी की है। बैठक में फैसले के रोडमैप पर चर्चा होने की खबर है।