व्हाइट हाउस मे पीएम मोदी का हुआ भव्य स्वागत, कहा- यह मेरा नहीं 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान
वाशिंगटन। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान पीएम मोदी व्हाइट हाउस पहुंच चुके हैं। यहां उनका भव्य स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री मोदी को 21 तोपों की सलामी दी गई। स्वागत समारोह में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और सेकेंड जेंटलमैन डगलस एमहॉफ भी मौजूद थे। व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में हुए समारोह के दौरान कई हजार भारतीय अमेरिकी देश के अलग-अलग हिस्सों से मोदी की एक झलक पाने पहुंचे थे। इस दौरान वंदे मातरम, भारत माता की जय और मोदी-मोदी के गगनभेदी नारे लगते रहे। यहां पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन का भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उमंग और उत्साह से भरे हुए भारतीय और अमेरिकी, मेरे प्यारे साथियों आप सबको नमस्कार… सबसे पहले मैं राष्ट्रपति बाइडन के मित्रतापूर्ण स्वागत और दीर्घ दृष्टिपूर्ण संबोधन के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।बता दें कि अमेरिका की राजकीय यात्रा पर होने के कारण उन्हें व्हाइट हाउस में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। राष्ट्रपति जो बाइडन खुद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के लिए ले गए जहां दोनों देशों के राष्ट्रगान की धुन भी बजाई गई। यहां अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एक प्रकार से यह भारत के 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान है, उनका गौरव है। यह सम्मान अमेरिका में रहने वाले चार मिलियन से अधिक भारतीय मूल के लोगों का भी सम्मान है- इस सम्मान के लिए मैं राष्ट्रपति बाइडन और जिल बाइडन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
पहली बार व्हाइट हाउस बाहर से देखा था
पीएम मोदी ने कहा कि दोस्तों तीन दशक पहले एक साधारण नागरिक के रूप में मैं अमेरिका यात्रा पर आया था। उस समय मैंने व्हाइट हाउस को बाहर से देखा था। पीएम बनने के बाद मैं स्वयं यहां कई बार आया। पर इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के लिए पहली बार व्हाइट हाउस के द्वार खोले गए हैं।
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अपनी प्रतिभा, क्षमता और निष्ठा से अपनी शान बढ़ा रहे हैं। आप सब हमारे संबंधों की असली ताकत हैं। आज आपको दिए गए सम्मान के लिए राष्ट्रपति बाइडन और डॉ बाइडन का हृदय से धन्यवाद करता हूं। उनका जितना धन्यवाद करूं कम है। दोनों देश अपनी विविधता पर गर्व करते हैं। हम सर्वजन सुखाय और सर्वजन हिताय पर भरोसा करते हैं।
अमेरिकी संसद में बोलना सम्मान की बात
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद दुनिया एक नया रूप ले रही है। इस काल में भारत और अमेरिका पूरे विश्व के सामर्थ्य को बढ़ाने में सक्षम होगी। दोनों देश साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति बाइडन और मैं भारत अमेरिका संबंधों और अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे। मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत हमेशा की तरह सकारात्मक और उपयोगी रहेगी। मुझे यहां संसद में दूसरी बार बोलने का मौका मिलेगा इस सम्मान के लिए मैं बहुत आभारी हूं। भारत का तिरंगा और अमेरिका का झंडा (द स्टार्स एंड स्ट्राइप्स) हमेशा नई ऊंचाइयां छूते रहे।
आपकी मेजबानी करके सम्मानित हूं : बाइडन
इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी संबोधित किया। उन्होंने पीएम मोदी को लेकर कहा कि आपका व्हाइट हाउस में स्वागत है। राजकीय यात्रा पर आपकी मेजबानी करने वाला पहला व्यक्ति बनकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अमेरिका और भारत के संबंध 21वीं सदी में सबसे निर्णायक रिश्तों में से एक हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दोस्तों तीन दशक पहले एक साधारण नागरिक के रूप में मैं अमेरिका यात्रा पर आया था। उस समय मैंने व्हाइट हाउस को बाहर से देखा था। पीएम बनने के बाद मैं स्वयं यहां कई बार आया। पर इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के लिए पहली बार व्हाइट हाउस के द्वार खोले गए हैं।
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अपनी प्रतिभा, क्षमता और निष्ठा से अपनी शान बढ़ा रहे हैं। आप सब हमारे संबंधों की असली ताकत हैं। आज आपको दिए गए सम्मान के लिए राष्ट्रपति बाइडन और डॉ बाइडन का हृदय से धन्यवाद करता हूं। उनका जितना धन्यवाद करूं कम है। दोनों देश अपनी विविधता पर गर्व करते हैं। हम सर्वजन सुखाय और सर्वजन हिताय पर भरोसा करते हैं।
अमेरिकी संसद में बोलना सम्मान की बात
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद दुनिया एक नया रूप ले रही है। इस काल में भारत और अमेरिका पूरे विश्व के सामर्थ्य को बढ़ाने में सक्षम होगी। दोनों देश साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रपति बाइडन और मैं भारत अमेरिका संबंधों और अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे। मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत हमेशा की तरह सकारात्मक और उपयोगी रहेगी। मुझे यहां संसद में दूसरी बार बोलने का मौका मिलेगा इस सम्मान के लिए मैं बहुत आभारी हूं। भारत का तिरंगा और अमेरिका का झंडा (द स्टार्स एंड स्ट्राइप्स) हमेशा नई ऊंचाइयां छूते रहे।
आपकी मेजबानी करके सम्मानित हूं : बाइडन
इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी संबोधित किया। उन्होंने पीएम मोदी को लेकर कहा कि आपका व्हाइट हाउस में स्वागत है। राजकीय यात्रा पर आपकी मेजबानी करने वाला पहला व्यक्ति बनकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अमेरिका और भारत के संबंध 21वीं सदी में सबसे निर्णायक रिश्तों में से एक हैं।
नासा-इसरो एक साथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा में पहला बड़ा समझौता हुआ है। भारत ने गुरूवार को आर्टेमिस समझौते में शामिल होने का फैसला किया। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों देशों की स्पेस एजेंसियां, नासा और इसरो २०२४ में एक संयुक्त स्पेस मिशन पर सहमत हुई हैं। अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी ने पीएम मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात के कुछ घंटे पहले कहा, भारत आर्टेमिस समझौते नाम के एक विशेष ग्रुप में शामिल होने जा रहा है। यह ग्रुप एक साथ स्पेस की खोज करने और दुनिया में हर किसी की मदद करने के लिए बनाया गया है। यह एक टीम की तरह है जहां देश स्पेस के बारे में अधिक जानने के लिए मिलकर काम करते हैं। आर्टेमिस समझौता नियमों का एक समूह है, जिसका पालन देश स्पेस की खोज और उसका उपयोग करते समय करते हैं। ये नियम एक पुरानी संधि पर आधारित हैं जिसे बाह्य अंतरिक्ष संधि १९६७ (ओएसटी) कहा जाता है। यह एक रोडमैप की तरह है, जो देशों को स्पेस प्रोजेक्ट में एक साथ काम करने में मदद करता है।
मोदी ने बाइडेन को दिए दस दानम
प्राइवेट डिनर के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाइडेन को ‘दस दानम’ दिया। भारत में परम्परा है कि पूर्णिमा के एक हजार चांद देखने वाले को ये दान दिया जाता है। कैलेंडर कैलकुलेशन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की उम्र ८० साल ८ महीने होने पर वह एक हजार फुल मून देख चुका होता है। बाइडेन लगभग इसी उम्र के हैं। नवंबर में वे अपना ८१वां जन्मदिन मनाएंगे। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को ‘१० प्रिंसिपल्स ऑफ उपनिषद’ किताब का फस्र्ट एडिशन भी गिफ्ट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा में पहला बड़ा समझौता हुआ है। भारत ने गुरूवार को आर्टेमिस समझौते में शामिल होने का फैसला किया। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों देशों की स्पेस एजेंसियां, नासा और इसरो २०२४ में एक संयुक्त स्पेस मिशन पर सहमत हुई हैं। अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी ने पीएम मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात के कुछ घंटे पहले कहा, भारत आर्टेमिस समझौते नाम के एक विशेष ग्रुप में शामिल होने जा रहा है। यह ग्रुप एक साथ स्पेस की खोज करने और दुनिया में हर किसी की मदद करने के लिए बनाया गया है। यह एक टीम की तरह है जहां देश स्पेस के बारे में अधिक जानने के लिए मिलकर काम करते हैं। आर्टेमिस समझौता नियमों का एक समूह है, जिसका पालन देश स्पेस की खोज और उसका उपयोग करते समय करते हैं। ये नियम एक पुरानी संधि पर आधारित हैं जिसे बाह्य अंतरिक्ष संधि १९६७ (ओएसटी) कहा जाता है। यह एक रोडमैप की तरह है, जो देशों को स्पेस प्रोजेक्ट में एक साथ काम करने में मदद करता है।
मोदी ने बाइडेन को दिए दस दानम
प्राइवेट डिनर के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाइडेन को ‘दस दानम’ दिया। भारत में परम्परा है कि पूर्णिमा के एक हजार चांद देखने वाले को ये दान दिया जाता है। कैलेंडर कैलकुलेशन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की उम्र ८० साल ८ महीने होने पर वह एक हजार फुल मून देख चुका होता है। बाइडेन लगभग इसी उम्र के हैं। नवंबर में वे अपना ८१वां जन्मदिन मनाएंगे। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को ‘१० प्रिंसिपल्स ऑफ उपनिषद’ किताब का फस्र्ट एडिशन भी गिफ्ट किया।
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