पूर्व मुख्यमंत्री का भाजपा पर सनसनीखेज आरोप, कहा-पेगासस को लेकर कोर्ट मे शपथपत्र दे केन्द्र
भोपाल। पेगासस जासूसी मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दे कि न तो उसने पेगासस खरीदा और न ही लायसेंस लिया। यदि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इसे लिया गया तो फिर यह भी साफ होना चाहिए कि नेताओं और पत्रकारों की जासूसी क्यों की गई। पेगासस सिर्फ फोन टेप नहीं करता बल्कि मेल, मैसेज आदि भी समेट लेता है। क्या देश में मोदी सुरक्षा ही राष्ट्रीय सुरक्षा है। पीसीसी में पत्रकारवार्ता के दौरान कमल नाथ ने कहा कि इस मामले में अभी और भी खुलासे होंगे। फ्रांस ने जो जांच भी प्रारंभ कर दी है पर देश की सरकार गोलमोल जवाब दे रही है। अभी तक लैंडलाइन फोन, मोबाइल फोन आदि टेप होते थे पर पेगासस के माध्यम से फोन, ई-मेल और एसएमएस तक की जासूसी की जा सकती है। यह सॉफ्टवेयर कंपनी से खरीदना पड़ता है जो सिर्फ सरकार ही कर सकती है। इसके साथ ही लायसेंस भी लेना पड़ता है। इसके आधार पर ही जासूसी हो सकती है।इजरायल दौरे के बाद की गई जासूसी
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2017 में इजरायल के दौरे पर गए थे। पेगासस जासूसी भी 2017 और 2018 में शुरू हुई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में मोबाइल फोन कंपनियों के जरिए लाखों लोगों की निगरानी की गई है। कमलनाथ ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जस्टिस से कराने की मांग की और कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं को विश्वास में ले। उन्होंने कहा कि जांच करने वाला जस्टिस भी वैसा होना चाहिए, जिसकी पहले से जासूसी न की गई हो।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पेगासस मामले का खुलासा कांग्रेस ने नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गैरकानूनी ढंग से जासूसी कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार को गिराने का काम किया। मप्र में भी सरकार गिराने के लिए जासूसी किए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में विधायकों को खरीदने का काम मोदी सरकार कर रही है। इस कांड से हमारे अधिकारों पर सबसे बड़ा हमला हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पिछले कुछ दिनों में सामने आया है और अगले 15 दिनों में यह मामला और गरमाएगा।
शिवराज अपनी चिंता करें कांग्रेस की नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस की नहीं बल्कि अपनी चिंता करें। उन्होंने जासूसी कांड को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला। इससे साफ पता चलता है कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि वे नौ अगस्त से होने वाले विधानसभा के सत्र में जासूसी नहीं होने संबंधी शपथपत्र प्रस्तुत करें।
मप्र की में भी उपयोग संभव, कर्नाटक में तो हुआ था
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब कर्नाटक की सरकार गिरानी थी तो पेगासस का उपयोग कर रहे थे। मध्य प्रदेश के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जो लोग बेंगलुरू में थे, वो अपने फोन से बात करने में डरते थे। मुझे रसोइए या अन्य कर्मचारियों के मोबाइल फोन से फोन आते थे। संभव है कि यहां भी पेगासस उपयोग में आया हो। उन्होंने कांग्रेस सरकार के समय फोन टेप कराने के प्रश्न पर कहा कि न तो मैंने कभी ऐसा काम किया और न ही इसके लिए समय था। मुझे मुख्यमंत्री रहते पुलिस वालों ने न तो यह बताया कि इनके फोन टेप किए जा रहे हैं और न ही मैंने कहा। 15 माह की सरकार में 11 माह ही काम करने का मौका मिला। यदि कोई पाप किया होता तो जनता बता देती। अब कुछ भी छुपा नहीं रहता है। ई-टेंडर घोटाले को लेकर कहा कि शिवराज सरकार ने जांच राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को दी थी पर कहा कि दबाकर रखना। सात टेंडरों की रिपोर्ट आई तो हमने कहा कि सभी टेंडरों की जांच करो। 90 में गड़बड़ी सामने आई पर यह घोटाला कहां दब गया, किसी को पता नहीं।