नई दिल्ली। देश के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को साउथ ब्लॉक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सीडीएस का पदभार संभालने के बाद जनरल अनिल चौहान ने अपना पहला बयान दिया। इसमें चौहान ने साफ तौर पर कहा कि मुझे गर्व है। हम सभी चुनौतियों और मुश्किलों से एक साथ मिलकर निपटने की कोशिश करने वाले हैं। जनरल चौहान ने वरिष्ठतम सैन्य कमांडर का दायित्व ग्रहण कर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे ऊंचे रैंक का दायित्व ग्रहण कर मुझे गर्व हो रहा है। मैं सेना के तीनों अंगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और सभी को साथ लेकर सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने प्रयास करूंगा। बता दें कि मोदी सरकार ने जनरल चौहान को भारत का दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया था। चौहान से पहले भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत थे। जनरल रावत की तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। 9 महीने से यह पद खाली था। लगातार कई नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। भारत के नए सीडीएस चौहान को चीन के मामलों में विशेषज्ञ माना जाता है। साथ ही साथ इनके पास कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों का भी लंबा अनुभव है। चौहान 40 वर्षों तक सेना में विभिन्न मोर्चों पर काम किया है। बालाकोट में एयर स्ट्राइक में भी जनरल चौहान की अहम भूमिका रही है। बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट पर हवाई हमले कर आतंकवादियों के कई प्रशिक्षण केंद्रों को बर्बाद कर दिया था। सीडीएस का कार्यभार ग्रहण करने से पहले जनरल चौहान ने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान भी स्मारक पर मौजूद थे। तीनों सेनाओं की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर थलसेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय, वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और नौसेना के उप प्रमुख वाईस एडमिरल एस. एन. घोरमाडे मौजूद थे। जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ था और 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में उन्हें कमीशन मिला था। गत वर्ष 31 मई को सेवानिवृत्त वह हुए थे। सीडीएस के तौर पर जनरल चौहान के सामने, एकीकृत सैन्य कमान के तौर पर ‘थिएटर कमान’ की स्थापना करने की चुनौती होगी।
सभी चुनौतियों और मुश्किलों से निपटने को तैयार:सीडीएस चौहान
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