सब्जी के बाद मसाला भी हुआ गरम

मंहगाई की चौतरफा मार, दाल मे 50 और आटे मे 5 रूपये की बढ़ोत्तरी
बांधवभूमि, उमरिया
पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस और सब्जियों के दामो मे हुई बेतहाशा बढ़ोत्तरी के बाद अब मसालों के गरम होने का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं अनाज के दाम भी दिनो-दिन आसमान चढ़ते ही जा रहे हैं। कुल मिला कर मंहगाई की चौतरफा मार ने आम आदमी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर अब गृहस्थी चलेगी कैसे।
300 से 750 हुआ जीरा
विगत कुछ दिनो से खान-पान की वस्तुओं मे हो रही वृद्धि ने लोगों को परेशानी मे डाल दिया है। सबसे ज्यादा आश्चर्य मसालों के रेट को लेकर हो रहा है, इनमे से कुछ के दाम तो दोगुने से भी ज्यादा हो गये हैं। जानकारी के मुताबिक जो जीरा पिछले महीने की शुरूआत तक महज 250 से 300 रूपए किलो मे बिक रहा था, वह अचानक 700 से 750 रूपये हो गया है। यही हाल अनाज-किराना का भी है। शहर मे अरहर से लेकर मसूर तक लगभग हर दाल की कीमत मे 50 से 60 रूपए तक का इजाफा हुआ है। वहीं आटे और चावल के रेट भी 5-5 रूपये किलो तक तेज हुए हैं।
टमाटर अभी भी 100 पार
इधर सब्जियों मे भी फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। जिले मे कल भी टमाटर 120 रूपये मे बिका। जबकि धनियां 200 तथा अदरक 320 रूपये किलो पर टंगा हुआ है। जानकारों का मानना है कि मप्र मे टमाटर की सप्लाई डिमांड की सिर्फ एक चौथाई है, इसलिये इसकी कीमतों मे आग लगी हुई है। जब तक नई फसल नहीं आयेगी, हालात मे कोई सुधार नहीं होगा।
चावल मे मामूली वृद्धि
इसके अलावा चावल की कीमतों मे भी मामूली बढ़ोत्तरी हुई है। एक माह मे एचएमटी समेत कई ब्रांड के चावल की दर 5-6 रूपये किलो तक बढ़ गई है। परचून के कारोबारियों ने बताया कि गेहूं महंगा होने से लोकल पिसा हुआ आटा 5 रूपये किलो तक बढ़ गया है। वहीं ब्रांडेड आटे के भाव मे 8 रूपए किलो तक का इजाफा है। गेहूं की कीमत पिछले मांह 40 रूपये किलो तक ही थी, लेकिन अभी कई ब्रांड ऐसे हैं, जो 50 रूपए किलो मे भी बिक रहे हैं।
लोकल सब्जी एक माह बाद
जिले के बड़े सब्जी कारोबारियों का कहना है कि गर्मी मे सभी बाड़ी वाले किसान बाडियों को सूखने के लिये छोड़ देते हैं, ताकि कीट वगैरह खत्म हो जाय। नई फसल मानसून मे लगाई जाती है। इस बार मानसून देर से आया है। इस वजह से लोकल बाड़ी की सब्जियां अगस्त के पहले या दूसरे हफ्ते तक ही बाजार मे पहुंच पाएंगी। प्रदेश मे ज्यादातर सब्जियां महाराष्ट्र से ही आती है। जहां अभी फसल बेहद खराब है। इसी वजह से सप्लाई सामान्य नहीं हो पा रही है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *