नई दिल्ली। भारत ने रविवार को सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल के सेना के संस्करण का ओडिशा के चांदीपुर से परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह जानकारी दी है। डीआरडीओ ने कहा कि मिसाइल परीक्षण सुबह 10.30 बजे किए गए। डीआरडीओ ने ट्वीट किया एमआरएसएएम-आर्मी मिसाइल तंत्र उड़ान का बालासोर के समेकित परीक्षण रेंज से 10.30 बजे परीक्षण किया गया,जिसने लंबी दूरी वाले हवाई लक्ष्य को बेध दिया। मिसाइल ने लक्ष्य को ध्वस्त कर दिया। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इजरायल के आईएआई कंपनी के साथ मिलकर बनाया है। इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी एमआरएसएएम ही है। सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है। यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है। एक बार लॉन्च होने के बाद एमआरएसएएम आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक टारगेट को गिरा सकती है। वैसे इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है। यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है। एमआरएसएएम मिसाइल का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है। लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है। इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है। यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 23 मार्च को सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। रक्षा अधिकारी ने बताया था कि मिसाइल ने सीधे अपने टारगेट पर हिट किया था। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने इस सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई भी दी थी।
सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल का किया सफल परीक्षण
Advertisements
Advertisements