ठेकेदार व अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा, जगह-जगह फैले बोरे
बांधवभूमि, सोनू खान
शहडोल। देश के अन्नदाता किसान के द्वारा हाड़ तोड़ मेहनत का मेहनताना भले ही उसे मिल चुका हो किन्तु उसकी मेहनत से ऊगी फसल का अंजाम बेहद ही भयानक और दुखदायी रूप से सामने आ रही है। किसानों से अनाज की खरीददारी करके शासन किस प्रकार से उसे रखता है, इसका जीता जागता उदाहरण शहड़ोल जिले के ओपन केप में रखे धान देखने को मिल रहा है। जहां हजारों क्विंटल धान बोरे में रखे- रखे सड़ गई है। धान एक बार फिर अंकुरित हो उठे है। ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा शसान को लाखों का नुकशान उठाना पड़ रहा है। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे खराब अनाज को कौन लेगा ।
बांधवभूमि, सोनू खान
शहडोल। देश के अन्नदाता किसान के द्वारा हाड़ तोड़ मेहनत का मेहनताना भले ही उसे मिल चुका हो किन्तु उसकी मेहनत से ऊगी फसल का अंजाम बेहद ही भयानक और दुखदायी रूप से सामने आ रही है। किसानों से अनाज की खरीददारी करके शासन किस प्रकार से उसे रखता है, इसका जीता जागता उदाहरण शहड़ोल जिले के ओपन केप में रखे धान देखने को मिल रहा है। जहां हजारों क्विंटल धान बोरे में रखे- रखे सड़ गई है। धान एक बार फिर अंकुरित हो उठे है। ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा शसान को लाखों का नुकशान उठाना पड़ रहा है। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे खराब अनाज को कौन लेगा ।
शहड़ोल जिले में इस साल लगभग 14 लाख क्विंटल, धान की खरीदी हुई है। यही वजह है कि जिले के कुछ कच्चे ओपन कैब में रखी हजारों क्विंटल धान गेंग्रीन कंपनी ठेकेदार की लापरवाही की भेंट चढ़ गई, चन्नौड़ी हथगला व अमलाई सहित अन्य ओपन कैब में रखी धान बारिश के कारण बोरियों में रखी हजारों क्विंटल धान बोरे में रखे- रखे सड़ गई है। धान एक बार फिर अंकुरित हो उठे है। किसानों के खून पसीना बहाकर उपार्जित किया हजारो क्विंटल धान रख रखाव अभाव में सड़ रहा है। अब आलम ये है कि ये धान जानवरों के खाने लायक भी नहीं बचा हैं।सवाल यह उठता है कि ऐसे खराब अनाज को कौन लेगा। शहड़ोल जिले में धान रख रखाव का जिम्मा गेंग्रीन कंपनी ठेकेदार को मिला है । लेकिन कंपनी की लापरवाही का नतीजा ओपन कैब में संग्रहित कर रखे धान में से अनेक बोरे धान सड़ चुका है। सड़े बोरे मैदान में यत्र तत्र बिखरे पड़े हैं। यहां तक कि कुछ स्थानों पर तो बोरों के ऊपर फफूंद भी साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। गोदामों में भरे धान का एक बड़ा हिस्सा गोदामों में ही सड़ गया। सड़े धान की दुर्गंध इतनी तेज उठ रही है कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल ही प्रतीत हो रहा है। बहरहाल मामला चाहे जो भी हो लेकिन किसानों के खून पीसने की मेहनत का अनाज इस तरह से सड़ गया या सड़ाया गया यह तो जांच का विषय है।
वही इस मामले में शाखा प्रबंधक बुढार ब्रांच सुधा रघु का कहना है कि हजारों क्विंटल धान खराब हुई है। जिसके लिए गेंग्रीन कंपनी ठेकेदार को मौखिक व लिखित पत्र जारी कर धान भरवा कर उसका भुगतान करने के लिए कहा गया है।
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