सज-धज के निकली त्रिलोचन की बारात
महा शिवरात्रि पर सागरेश्वर, उमरेश्वर, मढ़ीवाह धाम मे भी हुई भोलेनाथ की उपासना
उमरिया। भगवान भूतभावन भोलेनाथ की उपासना का महान पर्व महाशिवरात्रि कल पूरी श्रृद्धा और उल्लास के सांथ मनाया गया। इस मौके पर देवालयों मे सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जगह-जगह मेले भरे और भण्डारों का आयोजन किया गया। महाशिवरात्रि पर भगवान त्रयंबकेश्वर का जल, दुग्ध, मधु, पंचामृत, घृत से अभिषेक कर आम्रबौर, विल्व पत्र, मदार पुष्प, बेर, श्रीफल, गेंहू की बाली, धतूरा और नैवेद्य अर्पित किये गये। महाशिवरात्रि पर उमरिया सहित जिले मे अनेक स्थानों पर भगवान अभयंकर की भूत प्रेतों से सजी अद्भुत बारात निकाली गई जिसमे ताल-मृदंग की लय मे भावावेश से नाचते भक्त बाराती बन शिव विवाह मे सम्मिलित हुए। अनेक श्रृद्धालुओं ने व्रत रख कर मंदिरों और घरों मे विशेष अनुष्ठान तथा भजन कीर्तन किया। चहुंओर मंत्रोचारण की गूंज व धूप, कपूर की सुगंध के सांथ पूरा वातावरण जैसे शिवमय हो गया। महाशिवरात्रि पर्व पर शहर के सागरेश्वर महादेव धाम सगरा मंदिर, उमरेश्वर महादेव मंदिर बहरा धाम, मढ़ीवाह स्थित शिव मंदिर और मेकल पर्वत श्रृखलाओं के बीच स्थित अमोलेश्वर महादेव आश्रम मे भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
भूतभावन बने दूल्हा
महाशिवरात्रि पर्व भगवान गंगाधर ने आदिशक्ति मां पार्वती का वरण किया। इस अवसर पर गौरापार्वती का विवाह रचाया गया। इसके पूर्व सामुदायिक भवन से भगवान त्रिलोचन की भव्य और आकर्षक बारात निकाली गई। बारात मे नंदी, भृंगी, भूत सहित शिव के गण तथा नगर के धर्मानुरागी गणमान्यजन शामिल हुए। बारात सामुदायिक भवन से निकलकर दिग्विजय द्वार, गांधी चौक, जय स्तंभ सहित नगर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण करते हुए वापस सगरा मंदिर लौट आयी। इस मौके पर जगह-जगह बारात का स्वागत किया गया। बारात के वापस आने पर महादेव और पार्वती का विधि विधान से विवाह रचाया गया।
चंदिया मे भी निकली बारात
महाशिवरात्रि पर चंदिया मे भी भगवान उमापति की भव्य बारात निकाली गई जिसमे नगर के गणमान्य नागरिक शामिल हुए। बारात दोपहर स्थानीय श्रीराम जानकी मंदिर से आरंभ हुई जो नगर के मुख्य मार्गो का भ्रमण करती हुई शिवधाम पहुंची। इस दौरान महिलाएं सिर पर कलश रखे हुए चल रहीं थी जबकि श्रृद्धालुजन ढोल नगाड़ों की धुन पर नृत्य कर रहे थे। इस दौरान श्रृद्धालुओं द्वारा बारात का जगह-जगह स्वागत किया गया। नगर मे शिवरात्रि पर्व धार्मिक भावना से ओतप्रोत हो कर मनाया गया।