12 अप्रैल को कॉलेजियम ने की थी सिफारिश
नई दिल्ली/भोपाल।उच्चतम न्यायालय के महासचिव संजीव सुधाकर कलगांवकर को गुरूवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 अप्रैल के एक प्रस्ताव में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति की सिफारिश की थी। कॉलेजियम ने इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में पाया था कि उनकी एक अच्छी व्यक्तिगत और पेशेवर छवि है। साथ ही उनकी सत्यनिष्ठा के खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं है। कॉलेजियम ने कहा था कि संजीव सुधाकर कलगांवकर का न्यायिक प्रदर्शन, जैसा कि न्यायाधीशों की मूल्यांकन समिति द्वारा मूल्यांकन किया गया है, उत्कृष्ट यानी बहुत अच्छा है। उम्मीदवार की सालाना गोपनीय रिपोर्ट उल्लेखनीय है। इसे लेकर कॉलेजियम की सुविचारित राय है कि संजीव सुधाकर कलगांवकर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए उपयुक्त हैं। बालाघाट जिले के एक छोटे से शहर बैहर से आने वाले कलगांवकर ने 24 मई, 1994 को न्यायिक सेवा में प्रवेश किया था। 23 फरवरी 1970 को जन्मे कलगांवकर का 1992 में 22 साल 10 महीने की उम्र में मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा के लिए चयन हुआ था। साल 2006 में, 36 वर्ष की आयु में, कालगांवकर ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्हें तत्कालीन ष्टछ्वढ्ढ जस्टिस रंजन गोगोई द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार के जरिए सुप्रीम कोर्ट के महासचिव के रूप में चुना गया था। उन्होंने नवंबर 2018 से नवंबर 2021 तक तीन साल की अवधि के लिए सेवाएं दी थीं। उन्हें नवंबर, 2022 में इस पद पर फिर से नियुक्त किया गया था।
संजीव एस कलगांवकर मप्र हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त
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