श्रद्धा पूर्वक मनाया गया हलछट का पर्व

महिलाओं ने रखा वृत, वंशवृद्धि और सुरक्षा की हुई कामना
बांधवभूमि, उमरिया। पुत्रों के दीर्घायु और वंश वृद्धि की कामना को लेकर महिलाओं ने कल उपवास रखा और हरछठ की पूजा की। हरछठ को भगवान श्री कृष्ण के अग्रज बलराम के जन्म दिवस के रूप मे भी मनाया जाता है। महिलाओं ने व्रत रखकर घर के आंगन मे कांस के पेड़ की टहनियों को रखकर बांस से बने चुनकों मे लाई, चना, महुआ, पूड़ी, केला, ककड़ी आदि का भोग हरछठ महारानी को लगाकर पूजा अर्चना की और अपने परिवार और वंश की सुरक्षा के लिये भगवान से प्रार्थना की। भगवान भोलेनाथ की आरती कर वंश वृद्धि और वंश की सुरक्षा की प्रार्थना की। हलषष्टी का त्यौहार प्रतिवर्ष भाद्रपद की कृष्ण षष्ठी को मनाया जाता है। इस दिन सुबह से महिलाएं स्नान ध्यान कर उपवास रखती हैं और हलछठ की पूजा कर अपने पुत्र की दीर्घायु होने की कामना करती हैं। व्रतधारी महिलाएं घर मे मूसल और हलछठ की बौर रखकर हलछठ महारानी की कहानी सुनती हैं। कथा वाचन के उपरांत व्रतधारी महिलाएं पूजन मे अर्पित सामग्री का सेवन कर अपना व्रत खोलती हैं।

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