शहीद के सम्मान में फूलों से पट गई सड़कें

आखिरी झलक पाने के लिए कोई बस पर चढ़ा तो कोई जेसीबी पर, जयकारों के बीच बरसाए फूल

आगर मालवा। देश सेवा में प्राण न्यौछावर करने वाले आगर-मालवा के सपूत बनवारी लाल राठौर को सोमवार को अंतिम विदाई दी गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का हुजूम गांव में उमड़ पड़ा था। जैसे ही पार्थिव देह गुवाहाटी से भोपाल होते हुए गांव पहुंची, बनवारी लाल अमर रहे के नारे गूंज उठे। लोगों ने कतार में खड़े होकर फूल बरसाए और अंतिम विदाई दी। शहीद का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव दिवानखेड़ी में किया गया। 10 साल पहले सेना में भर्ती हुए बनवारी लाल शुक्रवार रात गुवाहाटी में एक हादसे में शहीद हो गए थे। 3 दिसंबर को पहाड़ी इलाके में सड़क दुरुस्त करने के दौरान डोजर असंतुलित हो गया और वे खाई में जा गिरे थे। सोमवार को सैनिक के सम्मान में अंतिम यात्रा जहां से भी गुजरी लोगों ने सड़क किनारे कतार में खड़े होकर फूल बरसाए। बड़ी संख्या में महिलाएं भी सड़क किनारे खड़ी रहीं और नम आखों से अपने लाल को विदा किया। इतना ही नहीं जगह नहीं मिलने पर गांव के हर छत पर लोग नजर आए। कुछ बस के ऊपर खड़े हुए तो कुछ जेसीबी के पंजे पर ही खड़े हो गए। वहीं, जिले के सोयत में शहीद के सम्मान में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। सोयत नगर में शहीद के सम्मान में जगह-जगह फ्लैक्स और स्वागत द्वार लगाए गए थे। शहीद के सम्मान में पुलिस और सेना के जवानों ने सलामी दी।
2010 में हुए थे फौज में भर्ती
राठौर दीवान खेड़ी के पूर्व सरपंच रामदयाल राठौर के इकलौते पुत्र थे। 2010 में उन्होंने देश सेवा को चुना था। 3 मार्च 2013 को उनकी शादी सुनीता राठौर से हुई थी। उनके दो बच्चे, 5 साल का हर्ष और 8 महीने का जिगर है।
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