खेतों मे बाघ के पगमार्क दिखने के बाद किसानों मे दहशत
उमरिया। हाथियों के झुंड के बाद अब उमरिया शहर के निकट बाघ भी पहंचने लगे हैं। बाघ के आसपास होने की खबर मिलने के बाद शहर से लगे खेतों मे जोने से किसान डर रहे हैं। शहर से लगे जमुनिहा नाले के किनारे के खेतों मे बाघ के पद चिन्ह देखने को मिले हैं। लालपुर मे भी नहर के किनारे शिवदयाल के खेत के पास बाघ के पद चिन्ह देखे गए हैं। इस बारे मे मिली जानकारी के अनुसार सुनील कुशवाहा के खेत मे सबसे पहले बाघ के पद चिन्ह देखे गए थे। सुबह जब किसान खेतों पर पहुंचे तो देखा कि गीली मिट्टी मे गहरे धंसे पद चिन्ह बने हुए थे। पहले तो लोगों ने ध्यान नहीं दिया लेकिन जब कुछ बुजुर्ग लोगों की नजर इन पद चिन्हों पर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि यह पद चिन्ह बाघ के हैं। खेत की मिट्टी ज्यादा गीली होने के कारण सभी जगह तो स्पष्ट चिन्ह नजर नहीं आ रहे थे लेकिन कुछ ऐसे स्थान भी थे जहां साफ-साफ चिन्हों को देखा जा सकता था। कई स्थानों पर लोगों ने इन चिन्हों को देखा और मोबाइल से इनका फ ोटो भी लिया।
खेत की गीली मिट्टी मे दिखे निशान
लोगों ने जानकारी दी है कि खेत की गीली मिट्टी मे कई तरह के निशान देखने को मिले हैं। जो निशान साफ दिख रहे हैं वे बिल्कुल बाघ के जैसे ही हैं। जिन किसानों के खेत और खेत के आसपास बाघ के पद चिन्हों को देखा गया है उनमें खासी दहशत बनी हुई है। किसानों का कहना है कि बाघ अभी भी आसपास कहीं हो सकता है। यही कारण है कि मंगलवार को किसान कुछ ज्यादा ही अलर्ट रहे। किसानों ने तय कर लिया है कि वे रात को ज्यादा देर तक खेत पर नहीं रहेंगे और अगर रहने की आवश्यकता हुई तो वे समूह मे रहेंगे। किसान यह मानकर चल रहे हैं कि बाघ आसपास कहीं जंगल मे ही छिपा हुआ होगा और वह रात को शिकार के लिए निकल सकता है। किसानों को यह आशंका भी है कि बाघ दोबारा उसी रास्ते से गुजरेगा जहां से वह पिछली रात गुजरा होगा।
अक्सर आ जाते हैं जानवर
जंगल से भटक कर अक्सर जंगली जानवर शहर तक पहुंच जाते हैं। पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। एक महीने पहले हाथियों का झुुंड भी यहां पहुंच गया था जिसने कई किसानों की फसलों को चौपट कर दिया था। शहर से बमुश्किल पांच दो से तीन किलोमीटर की दूरी से जंगल लगा हुआ है। जहां खेत हैं वहां से जंगल की दूरी आधा किलोमीटर भी नहीं है। इस क्षेत्र मे हर तरफ घने वृक्ष लगे हुए हैं जिससे होकर जंगल के रास्ते गुजरते हैं। आसपास के जंगलों मे जंगली जानवरों की भरमार है और यह जानवर अक्सर खेतों तक पहुंच जाते हैं। हालांकि बाघ जैसा बड़ा जंगली जानवर काफ ी अर्से से इस तरफ नहीं आया था। इस मामले मे वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ को अभी देखा नहीं गया है। इस मामले मे और जानकारी ली जा रही है इसके बाद ही कुछ साफ तौर से कहा जा सकेगा।
शहर के निकट पहुंचा जंगल का राजा
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