व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स के भारत बंद का मिला-जुला असर

नई दिल्‍ली। देशभर के व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स द्वारा जीएसटी, ऑनलाइन व्यापार और ई-वे बिल को लेकर भारत बंद का दिल्ली में ज्यादा असर नहीं देखा गया। देश के अलग-अलग शहरों में भारत बंद का असर कहीं ज्यादा तो कहीं कम रहा। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के नेतृत्व में कई जगहों पर सैकड़ों व्‍यापारियों ने धरने प्रदर्शन भी किए। कॉन्फेडरेशन का कहना है कि जीएसटी में एक हजार से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं जिससे ‘इसका टैक्स सिस्टम’ सरल नहीं रह गया। इसके अलावा जीएसटी भरने में अगर व्यापारी गलती करता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। एक ही सामान पर राज्यों में अलग-अलग टैक्स है। ऑन लाइन व्यापार में बाहरी पैसा लगा होने से सामान सस्ता है जबकि इससे खुदरा व्यापारी तबाह हो रहा है। बंद के चलते ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी माल ढ़ुलाई बंद रखी। इसका असर बाजार पर भी पड़ा है। ट्रांसपोर्टर के गोदाम बंद रहे और ट्रकों की आवाजाही पर भी असर देखा गया। ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है जीएसटी में संशोधन करके ई-बिल की वैधता को आधा कर दिया गया यानि इसे 200 से घटाकर 100 किलोमीटर कर दिया गया। इसके चलते कंसाइटमेंट के पास अगर एक्सपायर्ड बिल है तो जुर्माना 200 फीसदी तक वसूला जाएगा। साथ ही बीते एक साल में डीजल के दामों में 17 रुपए का इजाफा हुआ है। हालांकि ट्रांसपोर्टर यूनियन के बीच में भी इसको लेकर मतभेद रहे हैं। कुल मिलाकर दिल्ली के अलग अलग जगहों पर भारत बंद का असर मिलाजुला ही रहा है लेकिन ज्यादातर व्यापारी इस बात पर सहमत है कि जीएसटी को और सरल बनाया जाए।

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