संकट: चालीस मीटर से ज्यादा नीचे गया भू-जलस्तर
उमरिया। चुनाव मे पानी की समस्या का समाधान करने का वादा करने वाले नेता एक बार फिर चुनाव की तैयारी मे जुट चुके हैं और जनता भी पानी के फिर उत्पन्न हुए संकट के बीच नेताओं के पुराने वादों को याद नहीं कर पा रही है। बांधवगढ़ और घुनघुटी सहित जिले की अधिकांश भूमि पर वन होने के बावजूद उमरिया जिले का बहुत बड़ा भूभाग पानी के संकट से जूझ रहा है। खासतौर से मानपुर जनपद मे भूजलस्तर पताल मे चला गया है। जिले के लगभग सभी जलाशय सूख चुके हैं। उमरार जलाशय का पानी पीने के लिए संरक्षित किया गया है। जिले में भूजलस्तर 45 से 70 मीटर तक नीचे जा चुका है। ये स्थिति हर वर्ष गर्मी मे निर्मित हो जाती है।
दूर दराज से ला रहे पानी
जिले मे कुल 238 नल-जल योजनाएं हैं जिसमें से सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 199 चालू हैं और 39 नल-जल योजनाए बंद है। जबकि हकीकत यह है कि ज्यादातर नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं और लोगों को दूरदराज से पानी लाना पड़ रहा है। जो हैण्डपंप चालू हैं वहां पानी भरने वालों का मेला लगा रहता है। जिले मे 196 हैण्डपंप बंद बताए जा रहे हैं, जबकि बंद पड़े हैण्डपंपों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। पीएचई के अधिकारी गांव के लोगों के पानी की समस्या से ज्यादा अपनी समस्याओं की बातों मे ही उलझे रहते हैं और यही कारण है कि लोगों की समस्याएं यथवत है।
आकाशकोट का बुरा हाल
आकाशकोट के करीब डेढ़ दर्जन गांव पानी की गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं।
ये वो जगह है जहां कई साल पहले जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान लोकसभा के उपचुनाव के पहले मुख्यमंत्री ने समस्या का शीघ्र निराकरण करने की बात कही थी पर समस्या आज भी बरकरार है। यहां के लोग कई किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाने को विवश हैं लेकिन इनकी समस्याओं के समाधान के लिए अभी तक सिर्फ बातें ही हुई हैं।
धार रुकी, तालाब बने मैदान
पानी के संकट को देखते हुए कई गांवों मे खुद पहुंचकर पीएचई के अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया था और वहां बंद पड़े हैण्डपंपों को चालू कराने के लिए राइजर पाइप डलवाए थे और हैण्डपंपों को चालू करवाया था। जिले से गुजरने वाली जोहिला, घोरछत्र, उमरार आदि नदियों की धार रुक गई है, वहीं दूसरी तरफ बिरसिंहपुर पाली के सगरा और उमरिया के सगरा तालाब सूखकर मैदान मे बदल गए हैं। इससे भी जलसंकट बढ़ा है।
जिले मे 238 नल जल योजनाएं
इनमें 199 चालू तथा 39 बंद। 10 विद्युत अवरोध के कारण, 14 लघु सुधार के
कारण, 4 दीर्घ सुधार के कारण तथा 11 सौर उर्जा से संचालित येाजनाएं है। जिले मे 9094 हैंडपंप स्थापित किए गए है,जिनमें से 8898 चालू तथा 196 बंद है। करकेली ब्लॉक मे 52, मानपुर मे 138 तथा पाली मे 6 हैण्डपंप बंद हैं।
वो चुनाव मे मशगूल, ये समस्याओं मे उलझे
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