किसी राजनीतिक पार्टी से कोई नाता नहीं
नई दिल्ली।भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के रविवार को दो कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देने के बाद से देश में राजनीति भी तेज हो गई है। सियासी बयानबाजी के बीच सोमवार को भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला ने भी बयान देकर अपनी और अपनी कंपनी का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि अब टीके का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मैं यह स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि हम सिर्फ भारत में क्लिनिकल ट्रायल नहीं कर रहे हैं। हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लिनिकल ट्रायल किए हैं। हम पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य देशों में क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के क्षेत्र में हमारी कंपनी बिना किसी अनुभव के नहीं आई है। हमारे पास टीकों का जबरदस्त अनुभव है। हम 123 देशों में सेवा दे रहे हैं। हम एकमात्र कंपनी है जिसे समीक्षा पत्रिकाओं में इतना व्यापक अनुभव और व्यापक कवरेज मिला है।कृष्णा एला ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि हम अपने डाटा में पारदर्शी नहीं हैं। मुझे लगता है कि लोगों को इंटरनेट पर कुछ भी पढ़ने के लिए थोड़ा धैर्यवान होना चाहिए और हमने कितने लेख प्रकाशित किए हैं। 70 से अधिक लेख विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। बहुत से लोग विवादित बयान दे रहे हैं, वो इसलिए कि वे सिर्फ भारतीय कंपनियों पर लगाम लगाना चाहते हैं। यह हमारे लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलना, शोध और वैक्सीन उत्पादन की दिशा में भारत की बड़ी उपलब्धि है। यह देश के लिए गर्व का क्षण है। भारत की वैज्ञानिक क्षमता देश के लिए मान बढ़ाने वाला है। हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारे पास दुनिया में एकमात्र बीएसएल-3 उत्पादन सुविधा है, यहां तक कि अमेरिका के पास भी नहीं है। हम यहां दुनिया के किसी भी हिस्से में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल में मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे पास 2 करोड़ खुराक हैं। हम चार शहरों में 70 करोड़ से अधिक खुराक क्षमता हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं तीन हैदराबाद में और एक बंगलूरू में। हालांकि हम लॉजिस्टिक्स से संबंधित कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
शुरुआत में टीके की लागत थोड़ी अधिक
कृष्णा एला ने कहा कि शुरुआत में टीके की लागत थोड़ी अधिक हो सकती है। जैसे-जैसे उत्पादन का पैमाना बढ़ता जाएगा, कीमत बाजार द्वारा नियंत्रित होती चली जाएगी। उन्होंने कहा कि हम टीकाकरण का परीक्षण करते हैं और फिर सुरक्षा और प्रभावकारिता की निगरानी करते हैं।
क्या कोरोना के नए स्ट्रेन पर काम करेगी वैक्सीन?
मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि क्या COVAXIN वायरस के नए रूप पर प्रभावी होगा तो उन्होंने कहा कि मुझे एक सप्ताह का समय दें, मैं आपको एक सुनिश्चित डाटा दूंगा। एला ने कहा कि हम जितनी जल्दी हो सके वैक्सीन को रोल आउट करेंगे। इसे पहले ही कसौली की सरकारी परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह एक टीका है। यह बैकअप नहीं है। ऐसे बयान देने से पहले लोगों को जिम्मेदार होना चाहिए। बता दें कि AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि भारत बायोटेक के टीके को बैकअप के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि जब कोरोना मामलों में अचानक वृद्धि होती है तो आपातकाल स्थिति में हमें टीकाकरण करने की आवश्यकता होती है, ऐसे में भारत बायोटेक की वैक्सीन का उपयोग बैकअप के रूप में किया जा सकता है।