जिस पैर में फ्रैक्चर से विनेश को छोड़नी पड़ी बाउट, उसी को लोहे जैसा बनाया
विनेश को 2016 के रियो ओलिंपिक में पैर में फ्रैक्चर होने से बीच में बाउट छोड़नी पड़ी थी। वे 6 महीने बिस्तर पर रहीं। एक्सरसाइज नहीं कर सकती थीं, इसलिए खुद को दिमागी रूप से मजबूत करती रहीं। मेहनत कर उन्होंने 2018 में कॉमनवेल्थ और एशियाड में गोल्ड जीते।2019 में वर्ल्ड सीनियर चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर टोक्यो ओलिंपिक का टिकट पक्का किया। विशेषज्ञों ने पैर बचाकर खेलने की सलाह दी, पर विनेश ने लेग अटैक को अपनी मजबूती बनाया। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी अंक बटोरने में लेग अटैक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया।
टोक्यो ओलिंपिक के लिए पहले ही क्वालिफाई कर चुकीं
विनेश ने शनिवार को सेमीफाइनल में रोमानिया की एना ए को 2-0 से हराया था। उन्होंने राउंड ऑफ-16 में लूलिया लिओर्डा और क्वार्टर फाइनल में कैट्सियारिना पिचकोसकाया को हराया था। वे नवंबर, 2020 से यूरोप में ट्रेनिंग कर रही हैं। लॉकडाउन में विनेश हरियाणा में अपने गांव में प्रैक्टिस कर रही थीं। जबकि, उनके कोच वोलर एकोस वर्चुअली विनेश के रुटीन का ध्यान रखते थे।