बांधवभूमि, उमरिया
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सनत कुमार कश्यप के मार्गदर्शन मे गत 3 से 9 अगस्त तक जनजाति संवर्धन सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके तहत बीते दिन स्थानीय आदिवासी छात्रावास मे विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर मे नालसा की आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण एवं प्रवर्तन के लिये संचालित विधिक सेवाओं और योजनाओं का लाभ दिलाने पर चर्चा की गई। शिविर मे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती संगीता पटेल ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति को सही अर्थो मे मानव बनाती है। इसी से उसे सामथ्र्य हासिल होता है। वर्तमान राष्टपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सर्वोच्च पद दिला सकती है। उन्होने आदिवासी छात्र-छात्राओं से मन लगाकर पढऩे के लिये प्रेरित किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट श्री आरपी अहिरवार ने विभिन्न उदाहरणों से सशक्तीकरण और समाज मे गरिमामय जीवन जीने की पे्ररणा दी। जिला विधिक सहायता अधिकारी बीडी दीक्षित ने नालसा की आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन के लिये विधिक सेवायें योजना, 2015 के अंतर्गत अनूसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं भारतीय संविधान के अंतर्गत आदिवासियों के अधिकारों पर आरक्षण सहित विभिन्न विषयों की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। जबकि आदिवासी छात्रावास के अधीक्षक गुलाब सिंह ने उपस्थित छात्र, छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से शासन की योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। शिविर से लगभग 75 लोग लाभान्वित हुये।
विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आदिवासी छात्रावास मे शिविर का आयोजन
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