विद्युत क्षेत्र का निजीकरण बर्दाश्त नहीं

सरकार के फैंसले का विरोध, काम बंद कर धरने पर बैठे अधिकारी-कर्मचारी
बांधवभूमि, उमरिया

विद्युत क्षेत्र के निजीकरण का फैंसला अमले के अधिकारियों और कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा है। इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर विरोध के स्वर गूंजने लगे हैं। सोमवार को नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज एण्ड इंजीनियर्स ने पूरे देश मे कार्य का बहिष्कार किया है। इसी तारतम्य मे उमरिया स्थित विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सांथ हड़ताल की और कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने बताया कि सरकार पूरी तरह से मनमानी पर अड़ी हुई है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार विद्युत विभाग को निजी हाथों मे सौंपने वाला इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 संसद मे पेश करने जा रही है। यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। एनसीसीओईईई संगठन के आह्वान पर हुई इस हड़ताल के दौरान मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचल के भी विद्युत कार्यालय पूर्णत: बंद रहे। विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों ने खुल कर निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मांग की है कि बिल पेश करने से पूर्व उपभोक्ताओं तथा मेजर स्टेक होल्डर समेत सभी बिजली कंपनियों से भी चर्चा की जाय। इस दौरान इंजीनियर समुवल, अभिषेक कुमार, महेश कुमार अहिरवार, अरुणेंद्र मौर्य, शिशिर शताक्षी, अरविंद कुमार, अंकित तिवारी, आर जायसवाल, संदीप सोनी, सुभाष सेन, सुरुचि सिंह, संतोष गुप्ता सहित बड़ी संख्या मे संगठन पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

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