मंत्री सुश्री मीना सिंह के आतिथ्य मे उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य कार्यक्रम का आयोजन
बांधवभूमि, उमरिया
बिजली विकास की पहली सीढ़ी बन चुकी है, चाहे कृषि के क्षेत्र मे हो या उद्योग के क्षेत्र मे या फिर मानव जीवन को सहज एवं सरल बनाने के क्षेत्र मे हो। उक्त आशय के विचार प्रदेश शासन की जन जातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने मंगल भवन मानपुर मे आयोजित उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य कार्यक्रम के अवसर पर व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने की। आयोजित कार्यक्रम जिला प्रशासन, एनटी पीसी तथा विद्युत मण्डल उमरिया के संयुक्त तत्वावधान मे किया गया।
2.86 करोड़ घरों मे पहुंची बिजली
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री मीना सिंह ने कहा कि देश मे सहज बिजली योजना अर्थात सौभाग्य योजना के तहत 16320 करोड़ की लागत से 2 करोड़ 86 लाख परिवारों के घरों मे बिजली पहुंचायी गयी है। हम अपनी स्वतंत्रता के 75 वे वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप मे मना रहे हैं। यह अवसर हमें अपने गौरवशाली इतिहास और हमारी सांस्कृतिक विरासत तथा अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने का है। आजादी का यह अमृत महोत्सव देश के प्रत्येक नागरिक को समर्पित हैं जिनके अथक परिश्रम से देश ने आजादी के बाद इतनी प्रगति की है। आज देश के प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को साकार करने मे पूरी तरह से कार्यरत है। विद्युत क्षेत्र देश के विकास की धुरी हैं, और आजादी के अमृत महोत्सव के इस अवसर पर, देश और प्रदेश मे विद्युत क्षेत्र मे हुई उपलब्धियों को साझा करने के लिए उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य ऊर्जा 2047 पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। साथियों पिछले 8 वर्षों मे बिजली के क्षेत्र मे देश एवं प्रदेश ने बहुत सी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है, जिसे मैं आपसे साझा करना चाहती हूं।
सुदृढ़ हुई व्यवस्था
मंत्री सुश्री सिंह ने कहा कि देश के हर गांव और हर घर को बिजली से जोड़ा गया है। करीब 2,02,000 करोड़ के खर्च से पूरी विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया है। आज देश मे औसतन करीब 22.5 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की जा रही है जो कि 2014 तक सिर्फ 12 घंटे प्रतिदिन थी। गैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र मे हमारी क्षमता पिछले आठ वर्षों मे दोगुनी हो गई है और आज हमारी कुल स्थापित क्षमता का करीब 40 प्रतिशत भाग गैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित है। देश मे गैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित कुल क्षमता 76,000 मेगावाट से बढ़कर 1,60, 000 मेगावाट हो गई हैं जोकि पूरे विश्व मे चौथे स्थान पर है।
वैकल्पिक विद्युत के प्रयास जारी: कलेक्टर
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि आज देश मे बिजली पानी, कोयला, परमाणु शक्ति, सोलर एनर्जी, पवन एनर्जी से तैयार की जा रही है। आवश्यकता के हिसाब से विद्युत की पूर्ति हेतु नवीन एवं नवकरणीय स्त्रोतों से बिजली तैयार करने के साथ ही नवीन खोजें की जा रहीं हैं। विद्युत वितरण की हानि को कम किया जा रहा है। इन सबके बावजूद हमें विद्युत की बचत को अपनी आदत मे डालना होगा। कम खपत वाले बल्व या अन्य उपकरणों का उपयोग करना होगा। बिजली का उपयोग हमें आर्थिक उन्नति मे करनी होगी।
दी उपलब्धियों की जानकारी
एनटीपीसी से आये नोडल अधिकारी राजेश अग्रवाल ने स्वागत भाषण मे उपलब्धियों की जानकारी दी। स्थानीय कलापथक दल एवं स्कूली विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी, इस अवसर पर बिजली उत्पादन मे आत्मनिर्भर भारत देश पर आधारित फिल्में तथा वर्तमान मे ऊर्जा के क्षेत्र मे किये जा रहे नवीन अनुसंधानों को दिखाया गया। कार्यक्रम का संचालन एपीसी सुशील मिश्रा ने किया तथा आभार सीएमओ मानपुर लाल जी तिवारी ने किया। कार्यक्रम मे मौजी लाल चौधरी, पार्षद सुप्रिया गुप्ता, कुलदीप गुप्ता, शिवराम शुक्ला, राहुल दिवेदी, राजू गुप्ता, सतीष सोनी, उप महा प्रबंधक राजेश अग्रवाल, वरिष्ठ प्रबंधक प्रणव डोगरे, अधीक्षण यंत्री एस सेमुअल, तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
विकास का आधार है बिजली
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