वन्यजीवों पर मंडराया “लंपी” खतरा

वन्यजीवों पर मंडराया “लंपी” खतरा

निरंकुश हुई महामारी, जिले के दुधारू पशुओं की प्रजाति लील रहा संक्रमण

बांधवभूमि, उमरिया
जिले के दुधारू पशुओं की प्रजाति पर लंपी वायरस कहर बन कर टूट पड़ा है। करीब एक महीने के भीतर ही इस महामारी ने बड़ी तेजी के सांथ अपने पैर पसार लिये हैं। हालत यह है कि लगभग हर तीसरा जानवर इसकी जद मे आ चुका है। जबकि अब तक सैकड़ों पशु काल कवलित हुए हैं। उधर जिले का पशु विभाग लंपी वायरस की रोकथाम मे नाकाम साबित हुआ है। लगता है कि अमले ने पूरी तरह से हांथ खड़े कर दिये हैं, लिहाजा पशु और उनके पालक भगवान भरोसे हैं। जानकारों का दावा है कि लंपी का रूख अब बांधवगढ़ नेशनल पार्क की ओर है, यदि जल्दी की सख्त और प्रभावी कदम नहीं उठाये गये तो यह वन्य जीवों को भी अपना शिकार बनाने मे देर नहीं करेगा। ऐसा हुआ तो इसके नतीजे कितने भयावह होंगे, इसकी बस कल्पना ही की जा सकती है। ऐसे मे जरूरी है कि प्रबंधन खुद उद्यान के दुर्लभ जानवरों की सुरक्षा के लिये कदम उठाये।

सटे गांवों मे पहुंचा वायरस
शरीर पर उभरे सैकड़ों मस्से, मुंह से बहती लार और लडख़ड़ाती चाल लंपी वायरस के प्रमुख लक्षण हैं। जो जिले की सडक़ों पर डेरा जमाये झुण्ड के झुण्ड पशुओं मे देखे जा सकते हैं। ग्रामीण अंचलों मे तो हालात और भी भयावह है, जहां करीब-करीब हर गाय-बैल संक्रमण से पीडि़त हो चुका है। इनमे से दर्जनो गांव बांधवगढ़ नेशनल पार्क से सटे हुए हैं। जहां के पशु रोजाना जंगल मे चरने जाते हैं। वहीं उनका मल-मूत्र भी विसर्जन होता है, जो महामारी के विस्तार के लिये पर्याप्त है। इसी जंगल मे शेर, तेंदुआ, चीतल आदि वन्य जीव भी विचरण करते हैं। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि पार्क के जानवरों मे लंपी का प्रवेश कितना आसान है।

इसीलिये खोले गये थे पशु स्वास्थ्य केन्द्र
सरकार ने कई वर्ष पूर्व जिले के दूरस्थ, विशेषकर राष्ट्रीय उद्यान से लगे पडख़ुरी, मगधी, गढ़पुरी, बरबसपुर, पिपरिया सहित करीब डेढ़ दर्जन गावों मे पशु स्वास्थ केन्द्र स्थापित किये थे। जिनमे क्षेत्र के दुधारू पशुओं का इलाज तथा समय-समय टीकाकरण किया जाता था। इसका मकसद यही था कि गांव के पशुओं मे किसी तरह का संक्रमण न फैले, क्योंकि इसका असर वन्यजीवों पर भी पड़ सकता था। धीरे-धीरे इन सभी केन्द्र के स्टाफ तथा सुविधायें सिकुड़ती गई। दवा, टीका तथा अन्य सामग्री का पैसा पशुओं की बजाय अधिकारियों की जेब मे जाने लगा। टीकाकरण जैसे अभियान कागजों पर संचालित होने लगे। नतीजतन महामारी का रास्ता सरल हो गया।

टीकाकरण कराये उद्यान प्रबंधन
लंपी बेहद संक्रामक रोग है, इसे समय रहते नियंत्रित करना जरूरी है। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिये। पार्क प्रबंधन उद्यान से सटे इलाकों मे अभिायान चला कर पशुओं का टीकाकरण कराये ताकि दुर्लभ वन्यजीवों को खतरे से बचाया जा सके।

अजय सिंह
पूर्व विधायक, उमरिया

किये जायेंगे आवश्यक उपाय
जिले मे लंपी वायरस संक्रमण के बारे मे अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। आपके द्वारा इस संबंध मे अवगत कराया गया है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क तथा आसपास के क्षेत्रों मे संक्रमण रोकने हेतु सभी आवश्यक उपाय किये जायेंगे।

लवित भारती
उप संचालक
बांधवगढ़ नेशनल पार्क

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