बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की चरमरा चुकी व्यवस्थायें पटरी पर आने का नाम तक नहीं ले रही हैं। आलम यह है कि लाखों रूपये आवंटित होने के बावजूद मरीजों को छोटी-मोटी जांच और दवाओं के लिये यहां से वहां भटकना पड़ता हैं। कहने को यहां 4 डाक्टर पदस्थ हैं, पर इनमे से अधिकांश स्वास्थ्य केन्द्र आने की बजाय बंगलों मे ही आराम फरमाते रहते हैं। यही हाल लाखों की लागत से स्थापित जाच मशीनो का है, जो महीनो से बंद पड़ी-पड़ी कबाड़ मे तब्दील हो चुकी हैं। वहीं जनरेटर भी करीब 10 साल से ठप्प पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि विद्युत समस्या के कारण केन्द्र की सीबीसी जांच और डिजिटल एक्सरे मशीनें बंद हैं। अस्पताल मे गंदगी और दुर्गन्ध से मरीज तथा उनके परिजनो का दम घुटने लगता है। टूटे-फूटे फर्नीचर, फटे गद्दे और धूल व गंदगी से भरी चादर इलाज के लिये आये लोगों को बीमार बनाने के लिये काफी हैं। सामुदायिक केन्द्र के बाहर लगी खरपतवार अब वार्डो तक पहुंच गई है। हाल ही मे यहां पर लाखों रूपये कीमती बड़े-बड़े टेलीवीजन, डिश व सीसी कैमरे लगवाये गये थे। जो महीने भर भी नहीं चल सके। इनमे अधिकांश चीजें गायब हो चुकी हैं। गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर पर क्षेत्र के दर्जनो गावों के हजारों मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी है। जिसे देखते हुए सरकार द्वारा प्रति मांह लाखों रूपये का बजट आवंटित किया जाता है, परंतु महकमे मे मची लूट, भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी के चलते लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
लो-वोल्टेज के कारण बंद पड़ी अस्पताल की जांच मशीनें
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