लाल आतंक से दहला छत्तीसगढ़

5 जवान शहीद, 3 नक्सली भी मारे गए
-बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़
-सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान निकले थे सर्चिंग पर
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं। इनमें 4 सीआरपीएफ और एक डीआरजी का जवान है। 3 नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है, इनमें एक महिला है। मुठभेड़ अभी भी तर्रेम थाना क्षेत्र के जंगलों में जारी है। मुठभेड़ झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा के गांव में हुई है। हमला करने वाले नक्सली उसी की टीम के सदस्य थे। काफी लंबे समय से गांव में नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा था। इसकी सूचना पर जवान पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी 5 जवान शहीद हुए थे। वहीं 12 जवान घायल हुए हैं। यह हमला नक्सलियों ने नारायपुर में आईईडी ब्लास्ट के जरिए किया था। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में नक्सलियों के हिडमा ग्रुप के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सुकमा और बीजापुर से सुरक्षाबलों ने इन्हें पकडऩे के लिए संयुक्त कार्रवाई करने जंगल में उतरे। 2 अप्रैल को देर रात दोनों जिलों से सुरक्षाबलों के दल सीमावर्ती इलाके सिलगेर की ओर निकले। सुबह बीजापुर की डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त पार्टी से नक्सलियों के मुठभेड़ शुरू हुई। जानकारी के मुताबिक सिलगेर गांव सुकमा जिले में आता है और इसके पास लगी जिस पहाड़ी पर मुठभेड़ हुई है वो बीजापुर में है।
17 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में लगाए गए
डीआईजी नक्सल ओपी पाल ने जानकारी दी कि 2 अप्रैल की रात को जवान ऑपरेशन के लिए निकले थे। इस दौरान बीजापुर और सुकमा से सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ और कोरबा के जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। बीजापुर के तररेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मीनपा से 483 और नारसापुरम से 420 जवान इस ऑपरेशन में थे। इसके साथ ही एमआई 17 हेलिकॉप्टर घायल जवानों का रेस्क्यू करने के लिए लगाए गए थे।
8 किलो का आईईडी बरामद
दूसरी ओर गंगालूर क्षेत्र के चेरपाल के पास मोदीपारा में सीआरपीएफ 85 बटालियन के जवानों ने 8 किलो का आईईडी विस्फोटक बरामद किया है। नक्सलियों ने इसे जवानों को निशाना बनाने के लिए प्लांट किया था। यह विस्फोट करके जवानों ने शनिवार सुबह करीब 7.30 बजे बरामद किया है। इसके बाद इसे विस्फोट कर नष्ट कर दिया गया।
शांति वार्ता प्रस्ताव भेजने के बाद से हमले तेज हुए
नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखीं थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।
23 मार्च को 5 जवान हुए थे शहीद
शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने के बाद नक्सली लगातार सुरक्षाबलों को अपना निशाना बना रहे हैं। 23 मार्च को नारायणपुर में नक्सलियों द्वारा किए गए एक आइइडी धमाके में 5 जवान शहीद हो गए थे।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के बड़े हमले
– 6 अप्रैल 2010 में ताड़मेटला हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की शहादत ।
– 25 मई 2013 झीरम घाटी हमले में 30 से अधिक कांग्रेसी व जवान शहीद ।
– 11 मार्च 2014 को टहकवाड़ा हमले में 15 जवान शहीद ।
– 12 अप्रैल 2015 को दरभा में यदे एम्बुलेंस । 5 जवानों सहित ड्राइवर व एएमटी शहीद ।
– मार्च 2017 में भेज्जी हमले में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद।
– 6 मई 2017 को सुकमा के कसालपाड़ में किया घात लगाकर हमला जिसमें 14 जवान शहीद ।
– 25 अप्रैल 2017 को सुकमा के बुरकापाल बेस केम्प के समीप किये नक्सली हमले में 32 सीआरपीएफ जवान शहीद।
– 21 मार्च 2020 को सुकमा के मिनपा हमले में 17 जवानों की शहादत।
विनोद कुमार उपाध्याय, 03 अप्रैल, 2021

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *