बीजिंग। चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से सटे हॉट स्प्रिंग में 3 मोबाइल टावर लगाए हैं। लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोन्चोक स्तान्जिन ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की है। कोन्चोक ने कहा कि चीन सीमा के पास मोबाइल टावर बना रहा है, यह भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। चीन पहले ही भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। चीन इन टावर का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र में निगरानी के लिए कर सकता है।कोन्चोक ने कहा कि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। बीते दिनों चीन ने पैंगोंग झील पर पुल बनाया था और अब हॉट स्प्रिंग में तीन मोबाइल टावर लगाए हैं। क्या यह चिंता का विषय नहीं है? चुशुल पार्षद ने कहा कि भारत-चीन सीमा से सटे भारत के उन गांव में 4जी की सुविधा नहीं है, जहां लोग रहते हैं। मैं जिस क्षेत्र में रहता हूं वहां के 11 गांव 4जी नेटवर्क सेवा के दायरे के बाहर हैं। सीमा से सटे इलाकों के विकास पर ध्यान न देकर हम पिछड़ रहे हैं। हमारे पास केवल एक मोबाइल टावर है वहीं चीन के पास 9 टावर हैं।16 जनवरी को सैटेलाइट इमेज से पता चला था कि चीन पैंगोंग त्सो झील के दूसरी तरफ नया ब्रिज बना रहा है। इसकी लंबाई 400 मीटर से अधिक है। यह पुल 8 मीटर चौड़ा है और पैंगोंग के उत्तरी तट पर चीनी सेना के एक ठिकाने के करीब है। वहीं भारत ने चीन की इस हरकत पर ऐतराज जताया था। भारत ने कहा कि वह निगरानी बनाए हुए है।
भारत ने बताया अवैध कब्जा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, चीन उस क्षेत्र में पुल बना रहा है, जिस पर पिछले करीब 60 साल से चीन का अवैध कब्जा है। भारत ने इस तरह के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। बता दें कि 2020 में इसी इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव हुआ था। तब चीनी क्षेत्र में कुछ अस्पताल और सैनिक आवास देखे गए थे।
यह ब्रिज बनने के बाद बीजिंग को इस इलाके में सैन्य बढ़त मिल सकती है। यह पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच टकराव का अहम केंद्र रहा है। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक कई दौर की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन मसले का कोई हल नहीं निकल सका।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, चीन उस क्षेत्र में पुल बना रहा है, जिस पर पिछले करीब 60 साल से चीन का अवैध कब्जा है। भारत ने इस तरह के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। बता दें कि 2020 में इसी इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव हुआ था। तब चीनी क्षेत्र में कुछ अस्पताल और सैनिक आवास देखे गए थे।
यह ब्रिज बनने के बाद बीजिंग को इस इलाके में सैन्य बढ़त मिल सकती है। यह पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच टकराव का अहम केंद्र रहा है। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक कई दौर की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन मसले का कोई हल नहीं निकल सका।
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