अमेरिकी जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने चेताया, कहा- चीन की गतिविधियां आंखें खोलने वाली
नई दिल्ली।भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। इसी बीच अमेरिकी जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने लद्दाख में चीन की गतिविधियों को खतरे की घंटी बताया है। उन्होंने कहा कि चीन का यह रवैया पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला है। अमेरिकी जनरल हिमालयी क्षेत्र में चीन की तरफ से निर्माण कार्य पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र को देखने वाले जनरल ने कहा- मुझे लगता है कि पश्चिमी थिएटर कमांड में चीन की ओर से कराया जा रहा निर्माण और अन्य गतिविधियां आंखें खोलने वाली हैं। चीन भारत से लगी सीमाओं पर निर्माण करवा रहा है, लगातार सीमा से सटे इलाकों में सड़कें बनवा रहा है।
अक्टूबर में युद्धाभ्यास करेंगे भारत-अमेरिका
अक्टूबर 2022 में भारत और अमेरिका युद्धाभ्यास करेंगे। यह प्रक्टिस हिमालयी क्षेत्र में 9000- 10,000 फीट की ऊंचाई पर होगी। इस अभ्यास का मकसद ऊंचाई वाले क्षेत्र में संयुक्त ऑपरेशन की तैयारी करना है। इसमें नई तकनीक, वायुसेना के संसाधन, लड़ाकू विमान, लॉजिस्टिक्स और रीयल टाइम में सूचनाएं शेयर करने का अभ्यास शामिल है।
अक्टूबर 2022 में भारत और अमेरिका युद्धाभ्यास करेंगे। यह प्रक्टिस हिमालयी क्षेत्र में 9000- 10,000 फीट की ऊंचाई पर होगी। इस अभ्यास का मकसद ऊंचाई वाले क्षेत्र में संयुक्त ऑपरेशन की तैयारी करना है। इसमें नई तकनीक, वायुसेना के संसाधन, लड़ाकू विमान, लॉजिस्टिक्स और रीयल टाइम में सूचनाएं शेयर करने का अभ्यास शामिल है।
12 से अधिक सैन्य बैठकें बेनतीजा
जनवरी में सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि चीन पेंगोंग झील के पास पुल बना रहा है। इसके अलावा चीन ने हवाई पट्टियों, सड़कों का निर्माण तेज किया है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में चीन से भारत को सीधी चुनौती मिलती है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक 12 से अधिक सैन्य बैठक हो चुकी है, लेकिन इस मुद्दे पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।
जनवरी में सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि चीन पेंगोंग झील के पास पुल बना रहा है। इसके अलावा चीन ने हवाई पट्टियों, सड़कों का निर्माण तेज किया है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में चीन से भारत को सीधी चुनौती मिलती है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक 12 से अधिक सैन्य बैठक हो चुकी है, लेकिन इस मुद्दे पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।
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