उमरिया:रोजगार से जुड़ेंगे हजारों ग्रामीण

बांधवगढ़ ईको सेंसेटिव जोन के मास्टर प्लान मे शामिल होंगी कई गतिविधयां
उमरिया। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के ईको सेंसेटिव जोन मे आने वाले 137 गावों के लोगों को पर्यावरण आधारित रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य पार्क मे पर्यावर्णीय संतुलन कायम रखते हुए क्षेत्र मे रहने वाले किसानों और मजदूरों को वनो पर आधारित रोजगार मुहैया कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। ऐसी कई योजनाओं का प्रस्ताव जोनल मास्टर प्लान तैयार करने के काम मे लगी संस्था ग्लोबल कंसलटेंट ने दिये हैं, जिन्हे शासन की अनुमति मिलने के बाद कार्यरूप दिया जा सकेगा। उक्त आशय की जानकारी ईको सेंसेटिव जोन का जोनल मास्टर प्लान तैयार करने हेतु गठित मॉनिटरिंग समिति की बैठक मे दी गई। बैठक मे क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व विंसेंट रहीम, वन सरंक्षक एवं पदेन वनमण्डलाधिकारी आरएस सिकरवार, उप संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व सिद्वार्थ गुप्ता एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मांगे गये सुझाव और टिप्पणियां
संभागीय कमिश्नर नरेश पाल की अध्यक्षता मे आयोजित इस बैठक के दौरान बांधवगढ़ नेशनल पार्क के क्षेत्र संचालक विंसेंट रहीम ने बताया कि एमपीटीबी द्वारा जोनल मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी ग्लोबल कंसलटेंट को दी गई है। जिस पर तेजी से काम चल रहा है। इस संदर्भ मे संस्था द्वारा स्थानीय व्यक्तियों एवं संबंधित ग्राम पंचायतो के लोगों से चर्चा की गई है। ग्लोबल के प्रतिनिधि द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जोनल मास्टर प्लान तैयार करने के लिये तकनीकी समिति का गठन कर लिया गया है। इस संबध मे अब तक लगभग 15 गांव के लोगों से चर्चा की गई है। ईको सेंसेटिव जोन मे लगभग 137 गांव आयेंगे आएगे। जिनमे रहने वाले लोगों को पर्यावरण पर आधारित रोजगार से जोड़ा जाएगा। संस्था द्वारा तैयार जोनल मास्टर प्लान के ड्राफ्ट हेतु समिति के सदस्यों से सुझाव व टिप्पणियां मांगी गई है, इसके उपरांत अंतिम फार्मेट जारी किया जाएगा।
1030 वर्ग किमी सेंसेटिव जोन
गौरतलब है कि शासन द्वारा बांधवगढ़ सहित सभी टाईगर रिजर्व मे ईको सेंसेटिव जोन बनाने हेतु वर्ष 2016 मे नोटिफिकेशन किया जा चुका है। इसमे पार्क का पूरा बफर और क्षेत्र कम पडऩे पर कोर का दो किलोमीटर हिस्सा शामिल किया गया है। बांधवगढ़ का 1030 वर्ग किमी इलाका ईको जोन मे शामिल हैं, जहां कृषि आदि नियमित कार्यो को छोड़ अन्य गतिविधियां बिना अनुमति के संचालित नहीं की जा सकती। इस क्षेत्र के लिये जोनल मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है जिसकी मॉनिटरिंग कमेटी संभागीय कमिश्नर की अध्यक्षता मे गठित की गई है।
राजस्व विभाग से करायें होटल निर्माण के आवेदनो का परीक्षण
बैठक मे क्षेत्र संचालक ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रो मे होटलों के विस्तार के आवेदन आये हैं। जबकि बगैर अनुमति के आवासों का निर्माण करने वाले 7 लोगों को नोटिस दिये गए हैं। जिस पर कमिश्नर ने निर्देश दिये कि होटलो के विस्तार संबंधी आवेदनो का राजस्व विभाग द्वारा परीक्षण कर तथा बगैर अनुमति के निर्माण करने वालो को नोटिस देकर नियमानुसार कार्यवाही की जाय।
रेत खदान निरस्त करने की कार्यवाही जारी
बैठक मे बताया गया कि माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा 5 रेत खदाने बांधवगढ़ के ईको सेंस्टिव जोन मे स्वीकृत कर दी गई हैं, जिन्हे निरस्त करने की प्रक्रिया चालू है। बैठक मे कमिश्नर ने निर्देश दिए कि बांधवगढ क्षेत्र के 132 गांवो मे निर्माण कार्यों व अन्य प्रयोजन के लिये किन नियमों के तहत अनुमतियां दी जा सकती है, इसकी जानकारी सभी अधिकारियों को दें। सांथ ही समुचित प्रचार सामग्री तैयार कर क्षेत्र के सभी गांवों के सार्वजनिक स्थानो पर चस्पा करायें।

 

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