रोजगार का जरिया बनेगा कड़कनाथ

मप्र डेयरी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की पहल, ग्रामीणो को वितरित किये चूजे
उमरिया। प्रदेश के झाबुआ जिले का मशहूर कड़कनाथ मुर्गा अब उमरिया जिले मे भी उपलब्ध हो सकेगा। मप्र डेयरी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा इसके पालन हेतु विशेष पहल की गई है। जिसके तहत गत दिवस जिले के पाली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम मेढकी मे स्व-सहायता समूह से जुडे 10 परिवारों को कडकनाथ नस्ल के चूजे प्रदाय किये गये। उल्लेखनीय है कि कड़कनाथ नस्ल मुख्य रूप से मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की ब्रीड मानी जाती है । यह मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले मे बहुतायत मे पाया जाता है, जहां इसका बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। उन्नत किस्म की नस्ल होने से बाजार मे इसकी बहुत अधिक मांग है। वर्तमान मे इसका चिकन 450-600 रूपये प्रति किलों की दर से बिकता है।
होगी अतिरिक्त आय
मिशन की कोशिश है कि जिले के ग्रामीण अंचलों मे कड़कनाथ का पालन किया जाय ताकि यह मुगी पालन से जुड़े परिवारों की आय का बेहतर साधन बन सके। इसी मकसद से जिले मे कड़कनाथ नस्ल के चूजे प्रदाय किये जा रहे है। यह योजना पशुपालन विभाग एवं आजीविका मिशन के आपसी सहयोग से संचालित की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इससे प्रत्येक परिवार को लगभग 6000 मांह अतिरिक्त आय हो सकेगी।
यह है विशेषता
गौरतलब है कि कड़कनाथ का मांस काला होता है। रिसर्च के अनुसान सफेद चिकन के मुकाबले इसमे कोलेस्ट्राल का स्तर कम होता है, वहीं यह अमीनो एसिड से भरपूर है। इसका स्वाद भी बायलर और देशी मुर्गे से अलग होता है।

 

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