राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म

मानहानि मामले मे 2 साल की सजा के बाद लोकसभा स्पीकर का फैसला, देशभर मे कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली । राहुल गांधी पहली बार 2004 में अमेठी से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2009 और 2014 में भी अमेठी से जीते। 2019 का चुनाव वह अमेठी से हार गए थे, लेकिन केरल के वायनाड से जीत गए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई है। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय से पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। संसद की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पहला रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और इसके लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। उन्होंने लिखा, मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। राहुल की सदस्यता खत्म होने के बाद संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित भी करना पड़ा। वहीं कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन कर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा। सदस्यता रद्द करने के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हमें जेल भी जाना पड़ा तो जाएंगे। दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पर भी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कर्नाटक में भी कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार को हिरासत में लिया गया है। जम्मू में भी प्रदर्शन हुए। इधर, राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी ने सोशल मीडिया पर डरो मत कैंपेन शुरू किया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदर्शनों में भी इस नारे को बैनर-पोस्टर पर प्रमुखता से इस्तेमाल किया जा रहा है।
संसदीय सीट वायनाड खाली घोषित
लीगल एक्स्पर्ट के मुताबिक, लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। इलेक्शन कमीशन अब इस सीट पर इलेक्शन का ऐलान कर सकता है। दिल्ली में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने को भी कहा जा सकता है। अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊंची अदालतें भी बरकरार रखती हैं तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे। राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।
अपील के लिए 30 दिन का समय मिला था
राहुल गांधी की टीम अब सूरत कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करने जा रही है। अगर सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को वहां स्वीकार नहीं किया जाता है तो सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी को अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया था। राहुल गांधी के वकील ने भी कहा था कि हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। अभी तक हाईकोर्ट में राहुल की तरफ से अपील नहीं की गई है।
यह कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या: उद्धव ठाकरे
राहुल की लोकसभा सदस्यता रद की जाने के बाद कई विपक्षी नेताओं की टिप्पणी सामने आईं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने संसद सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ की गई यह कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है। ठाकरे ने आगे कहा, चोर को चोर कहना इस देश में अपराध बन गया है और कहा कि यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है।
देश में डर का माहौल: केजरीवाल
पूरे देश में डर का माहौल बना रखा है। अब राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी। भारत में सबसे कम पढ़ा लिखा और सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री कोई हुआ है तो वह यही हैं। सुबह से शाम तक उनके दिमाग में यही चलता रहता है कि आज इसे या उसे जेल भेजो। आज नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरे देश को तबाह करने की साजिश रची जा रही है।
न्यू इंडिया में भाजपा के निशाने पर विपक्षी नेता: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर विपक्षी नेता हैं, जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है। आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर देखा है।
लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा: सुखविंदर सिंह सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, राहुल गांधी की सदस्यता रद कर उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। लोकतंत्र का जो गला घोटा जा रहा है उस आवाज को जब राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक बुलंद किया तो भाजपा बौखला गई।
असल मुद्दे से ध्यान भटका रही सरकार: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता बीजेपी ने ली है और आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता गई है। उन्होंने कहा, ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है।
भारत जोड़ो यात्रा से डर गई सरकार: जयराम रमेश
वहीं, लोकसभा के इस फैसले पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ये राजनीतिक लड़ाई बरकरार रहेगी। हम पीछे नहीं हटेंगे। राहुल गांधी कोई धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी डरे हुए हैं इसलिए वो बार-बार राहुल गांधी और अन्य विपक्ष के नेताओं को डराते रहते हैं और धमकियां देते रहते हैं। जयराम रमेश ने आगे बताया कि भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा घबराई हुई है। वो जानते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा ने न केवल कांग्रेस संगठन में नई उमंग जगाई है बल्कि पूरे देश में एक नया उत्साह, भविष्य का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के कारण राहुल गांधी को कीमत चुकानी पड़ी है।
ये तानाशाही प्रवृत्ति: अशोक गहलोत
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जिस तरह का भय, हिंसा का माहौल देश में बना है, उसमें ईडी, न्यायपालिका, चुनाव आयोग पर दबाव है। ये तानाशाही प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि संसद चल नहीं पा रही, एक सांसद बोल नहीं पा रहा। भारत जोड़ो यात्रा से सरकार घबराई हुई है इसलिए विपक्ष की कोई मांग पूरी नहीं होने दे रही।
हमें डरा नहीं पाएगी सरकार: भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी ने देश की जनता को संदेश दिया कि डरो मत और उन्हें डराने की कोशिश हो रही है।अडानी की चर्चा से भागने के लिए तमाम प्रकार की कवायद हो रही हैं। इंदिरा गांधी को भी डराने की कोशिश की थी लेकिन डरा नहीं पाए। राहुल गांधी देश की समस्याओं की आवाज बुलंद करते रहेंगे।
राहुल के समर्थन में सोशल मीडिया पर डरो मत कैंपेन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई। इस फैसले से पहले कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने पहले संसद और फिर दिल्ली की सड़क पर प्रोटेस्ट किया। विपक्षी दलों ने विजय चौक तक मार्च निकाला। जो पोस्टर विपक्षी सांसदों ने लिए थे, उन पर लिखा था- लोकतंत्र खतरे में हैं। सदस्यता रद्द करने के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हमें जेल भी जाना पड़ा तो जाएंगे। दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पर भी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कर्नाटक में भी कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार को हिरासत में लिया गया है। जम्मू में भी प्रदर्शन हुए। इधर, राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी ने सोशल मीडिया पर डरो मत कैंपेन शुरू कर दिया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदर्शनों में भी इस नारे को तख्तियों और बैनर-पोस्टर पर प्रमुखता से उपयोग किया जा रहा है।

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