राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने मे शिक्षकों का अहम रोल

नेशनल अवॉर्ड विनिंग टीचर्स से मिले पीएम मोदी, कहा-नई शिक्षा नीति की दुनिया मे हो रही सराहना

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में हमारे टीचर्स का बहुत बड़ा रोल रहा है। देश सही दिशा में आगे बढ़ रह है। हमारी नई शिक्षा नीति की दुनिया में बहुत सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को पछाड़कर हमारा दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना इसलिए विशेष है क्योंकि उस देश ने हम पर 250 सालों तक शासन किया है। शिक्षक दिवस के मौके पर पीएम ने ऐलान किया कि प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइसिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना के तहत देशभर में 14,500 स्कूलों का विकास और अपग्रेडेशन किया जाएगा।
2047 में हिंदुस्तान कैसा बनेगा आज की पीढ़ी पर निर्भर
आज जब देश आजादी के अमृतकाल के अपने विराट सपनों को साकार करने में जुट चुका है, तब शिक्षा के क्षेत्र में राधाकृष्णन जी के प्रयास हम सभी को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि नीति तैयार करने में हमारे शिक्षकों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह हमारे शिक्षकों पर निर्भर है कि वे हमारे युवाओं को तैयार करें, जो यह तय करेंगे कि 2047 तक ‘अमृत काल’ में भारत कैसा दिखेगा।
आज के युवा का जीवन शिक्षकों के हाथ में
उन्होंने शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक की भूमिका व्यक्ति को रोशनी दिखाने की होती है, फिर वो सपने बोता है। ये हमारा सौभाग्य है कि हमारे वर्तमान राष्ट्रपति भी शिक्षक हैं। उनका जीवन शिक्षक के रूप में बीता है।भारत एजुकेशन इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश में न केवल स्टूडेंट्स को एजुकेट करना है बल्कि उनके जीवन में बदलाव भी लाना है। हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दुनिया भर में सराहना हो रही है। लोग यह देखने में सक्षम हैं कि भारत अपने शिक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए सही दिशा में कैसे आगे बढ़ रहा है।हमें न केवल छात्रों को शिक्षित करना है बल्कि उनके जीवन को बदलना भी है। एक सफल शिक्षक वह होता है जिसके लिए हर छात्र समान होता है और कोई पसंद या नापसंद नहीं होती।मोदी ने कहा कि अगर कोई बच्चा स्कूल में कुछ और देखता हो और घर में कुछ, तो वह संघर्ष में फंस जाता है। उन्हें इस भ्रम से बाहर निकालने के लिए कोई इंजेक्शन नहीं है। एक शिक्षक में सकारात्मकता की ताकत होती है। वह हमेशा छात्रों को चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं। इससे उन्हें हर चुनौती से निपटने में मदद मिलती है। जो सपने पूरे नहीं हो सकते हैं। एक सच्चा शिक्षक वह सपने देखने के लिए प्रेरित करता है।
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