राहुल गांधी और शरद पवार थे साथ
नई दिल्ली। विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके साथ विपक्ष के प्रमुख नेताओं में राहुल गांधी और शरद पवार साथ रहे। नामांकन के बाद यशवंत सिन्हा ने विपक्षी दलों को उन्हें उम्मीदवार बनाने के लिए धन्यवाद दिया। नामांकन के दौरान राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी और फारुख अब्दुल्ला समेत विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे। 24 जून को NDA की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के समय सत्ता पक्ष के दिग्गजों का भी जमावड़ा लगा था।
यशवंत बोले- रबर स्टैम्प न रह जाए राष्ट्रपति
मीडिया से बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि मैं विपक्षी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए चौथी पसंद हूं। अगर मैं दसवीं पसंद भी होता तो इसे स्वीकार करता, क्योंकि ये विचारों की लड़ाई है और मैं इसमें अपना योगदान देना चाहता हूं।
मीडिया से बात करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि मैं विपक्षी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए चौथी पसंद हूं। अगर मैं दसवीं पसंद भी होता तो इसे स्वीकार करता, क्योंकि ये विचारों की लड़ाई है और मैं इसमें अपना योगदान देना चाहता हूं।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की योग्यता पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति का काम है सरकार को सलाह देना इसलिए ये जरूरी है कि राष्ट्रपति वो बने जो सलाह दे सके। अगर कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बनता है जिसकी सरकार को सलाह देने की हिम्मत ही न पड़े तो वह अपनी जिम्मेदारियों को निभा नहीं पाएगा। वह केवल एक रबर स्टैम्प बनकर रह जाएगा। ऐसा पहले भी देखा गया है।
यशवंत सिन्हा का द्रौपदी मुर्मू से मुकाबला
यशंवत सिन्हा का मुकाबला आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू से है। रविवार को सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान विपक्ष के इस दांव को लेकर कहा था कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाने से पूरे समुदाय का उत्थान नहीं होता। राष्ट्रपति भवन में अगर एक और ‘रबडर स्टांप’ आ जाए, तो यह विनाशकारी होगा। उन्होंने वादा किया था कि यदि वह चुनाव जीते तो किसानों, कामगारों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिये पर पड़े समाज के सभी वर्गों की आवाज को उठाएंगे।
यशंवत सिन्हा का मुकाबला आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू से है। रविवार को सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान विपक्ष के इस दांव को लेकर कहा था कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाने से पूरे समुदाय का उत्थान नहीं होता। राष्ट्रपति भवन में अगर एक और ‘रबडर स्टांप’ आ जाए, तो यह विनाशकारी होगा। उन्होंने वादा किया था कि यदि वह चुनाव जीते तो किसानों, कामगारों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिये पर पड़े समाज के सभी वर्गों की आवाज को उठाएंगे।
18 को वोटिंग, 21 जुलाई को काउंटिंग
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा, जबकि 21 जुलाई को काउंटिंग होगी। समीकरण की बात करें तो विपक्षी दलों के गठबंधन UPA के पास संख्या बल कम है। NDA के पास कुल मिलाकर 5.26 लाख वोट हैं, जो कुल वोटों का लगभग 49 परसेंट है। केवल एक परसेंट की और जरूरत है। यह YSR कांग्रेस पार्टी या फिर बीजू जनता दल के समर्थन से पूरा हो सकता है। BSP भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात कह चुकी है।
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा, जबकि 21 जुलाई को काउंटिंग होगी। समीकरण की बात करें तो विपक्षी दलों के गठबंधन UPA के पास संख्या बल कम है। NDA के पास कुल मिलाकर 5.26 लाख वोट हैं, जो कुल वोटों का लगभग 49 परसेंट है। केवल एक परसेंट की और जरूरत है। यह YSR कांग्रेस पार्टी या फिर बीजू जनता दल के समर्थन से पूरा हो सकता है। BSP भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात कह चुकी है।
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