रावण के धराशाई होते ही गूंजा श्रीराम का उद्घोष

रावण के धराशाई होते ही गूंजा श्रीराम का उद्घोष
जिले भर मे हर्षोल्लास से मनाई गई विजयादशमी, शान से हुई माता रानी की विदाई
उमरिया। जिले की सामाजिक, साहित्यिक और धार्मिक संस्था श्री रघुराज मानस कला मंदिर द्वारा बहराधाम मे आयोजित रामलीला मे श्रीराम-रावण युद्ध का मंचन पूर्व की तरह इस बार भी ख्याति के अनुरूप ऐतिहासिक रहा। असत्य और अहंकार के प्रतीक दशानन के धराशाई होते ही चहुंओर जय श्रीराम का उदघोष गूंज उठा। जिसके बाद बहराधाम में बनाये गए विशाल रावण के पुतले का दहन आकर्षक आतिशबाजी के बीच हुआ। यह विहंगम दृश्य देखने हज़ारों की संख्या मे लोगों की भीड़ उमड़ी। इस महान धार्मिक आयोजन में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव सपत्नीक पत्नीक सहभागी बने और माता अन्नपूर्णा का प्रसाद ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि बहराधाम मे श्रीराम लीला का यह 122वां वर्ष था।
परंपराओं के पालन की परंपरा
भगवान श्रीराम, लक्ष्मण जी की पूजा-अर्चना के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने कहा कि 122 वर्ष पूर्व नगर के बुजुर्गों ने रामलीला की शुरुआत की थी। यह भगवान की महिमा ही है कि कभी मैदान के रूप मे जाना जाता यह प्रांगण अब बहराधाम हो गया है। तमाम उतार चढ़ावों के बावजूद नागरिकों के सहयोग के कारण ही यह आयोजन अनवरत रहा है। क्योंकि परंपराओं का पालन ही हमारी परंपरा है। श्री सिंह ने कहा कि देश आज कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। इसका मुकाबला सतर्क रह कर ही किया जा सकता है। जहां धर्म है वहां अनुशासन है और जिस स्थान पर धर्मपरायण लोग रहते हैंए वहां आपदाएं नहीं आती। उन्होंने मातेश्वरी और भगवान श्रीराम के जयकारों के सांथ जिलेवासियों, प्रशासन, रामलीला कमेटी और मंचन कर रहे कलाकारों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं दीं।
ये भी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में दैनिक बांधवभूमि के संपादक राजेश शर्मा, ठाकुरदास सचदेव, त्रिभुवन प्रताप सिंह, रघुनाथ सोनी, संजय गुप्ता, गोपाल खंडेलवाल, संदीप शाहा, राजीव सिंह, शिशुपाल यादव, ताजेंद्र सिंह, कल्लू गुप्ता, मोहित डा. गुप्ता, माधव हेमनानी, उदयप्रताप सिंह, ताराचंद राजपूत, धनप्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में संस्था के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे।
मंगलभवन मे हुआ रावण दहन
विजयादशमी पर सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति द्वारा मंगल भवन मे रावण दहन का आयोजन किया गया। जिसमे कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सपरिवार भाग लिया। इस अवसर पर विधायक शिवनारायण सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा ने भगवान श्रीराम, लक्ष्मण एवं हनुमान जी को चंदन-टीका लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों ने अपने उद्बोधन मे लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दशहरा पर्व समाज को अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश देता है। जिसे सभी को आत्मसात करना चाहिये। इस अवसर पर सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष राकेश शर्मा एवं संयोजक शंभू लाल खट्टर ने भी उपस्थित जनों को शुभकामना संदेश प्रेषित कर सहयोग के लिये सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। रावण वध के पश्चात भगवान राम का आतिशी तीर लगते ही दशानन का पुतला धू-धू कर जलने लगा। इस मौके पर समिति द्वारा समाजसेवी नागरिकों का अभिनंदन किया गया। समारोह मे राकेश प्रताप सिंह, रतन खंडेलवाल, धनुषधारी सिंह चंदेल, दिनेश त्रिपाठी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग सहकार्यवाह रविंद्र जी, बृजेश शर्मा, अखिलेश द्विवेदी, दीपक छतवानी, नीरज चंदानी, राजेंद्र कोल, सुमित उपाध्याय, सुनील बर्मन दीपक भिवानिया सहित बड़ी संख्या मे गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
शनिवार को भी हुआ विसर्जन
शारदेय नवरात्र की दशमी तिथि विजयादशमी पर मातेश्वरी को भावभीनी विदाई दी गई। इससे पूर्व पण्डालों मे माता दुर्गा की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की गई तत्पश्चात बैण्ड बाजों के सांथ उन्हे जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये विसर्जन कुण्डों तक पहुंचाया गया। गौरतलब है कि विसर्जन के दौरान भीड़भाड़ को नियंत्रित करने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निर्देश पर शहर मे इस बार तीन विसर्जन कुण्ड बनाये गये थे। जहां पर अलग-अलग क्षेत्रों मे विराजमान प्रतिमाओं का ससम्मान विसर्जन किया गया। विसर्जन का दौर दशहरे के दूसरे दिन शनिवार तक जारी रहा।
मुस्तैद रहा प्रशासनिक अमला
विजयादशमी पर जिले भर मे सुरक्षा के कड़े इंतजामात किये गये थे। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव तथा पुलिस कप्तान प्रमोद कुमार सिन्हा, एडीएम अशोक ओहरी, एसडीएम दिलीप सिंह पूरे अमले के सांथ शहर का भ्रमण करते हुए सरकारी अमले को निर्देश देते रहे।

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