नई दिल्ली। राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक तेजी से खत्म हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्यों के पास औसतन 5.5 दिन के आसपास वैक्सीन का स्टॉक बचा हुआ है। आंध्र प्रदेश में 1.2 दिन तो बिहार में 1.6 दिन के वैक्सीनेशन का स्टॉक है। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 5 दिनों तक टीका उत्सव मनाने की अपील की थी। उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसा है। राहुल ने कहा कि बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी बड़ी समस्या है। ये उत्सव का समय नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि अपने देश वासियों को खतरे में डालकर क्या वैक्सीन एक्सपोर्ट करना सही है? सरकार को राज्यों से पक्षपात किए बिना उनकी मदद करनी चाहिए।
केंद्र के पास 1.96 करोड़ वैक्सीन का स्टॉक
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई 4 से 8 दिन के बीच में की जाती है। रोजाना राज्यों के अधिकारियों से बात कर तय किया जाता है कि किस राज्य में वैक्सीन भेजी जानी है। वैक्सीन की कमी के साथ अगले सप्ताह के लिए होने वाली सप्लाई भी फिलहाल पाइपलाइन में अटकी हुई है। सभी राज्यों के आंकड़े जोड़ लें तो सरकार औसतन रोजाना 36 लाख डोज लगा रही है। अभी सरकार के पास 1 करोड़ 96 लाख वैक्सीन का स्टॉक है। 2 करोड़ 50 लाख वैक्सीन पाइपलाइन में है।
आंध्र प्रदेश और बिहार की हालत ज्यादा खराब
आंध्र प्रदेश के पास वैक्सीन के 1.4 लाख डोज ही बचे हैं। यहां रोजाना 1.1 लाख वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। इस हिसाब से ये 2 दिन में खत्म हो सकती है। राज्य को पाइपलाइन में फंसी 14.6 लाख वैक्सीन का इंतजार है। बिहार में इसी तरह के हालात हैं। यहां 2.6 लाख डोज बचे हुए हैं। राज्य में रोज 1.7 लाख वैक्सीन डोज लोगों को लगाए जा रहे हैं।
राज्यों के पास सिर्फ 5 दिन का वैक्सीन स्टॉक
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