जयपुर। पंजाब के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस “सियासी सर्जरी” करने जा रही है। राजस्थान में गुटबाजी का हल निकालने के लिए पार्टी कैबिनेट विस्तार का सहारा ले सकती है। ज्ञात रहे कि पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के तरीके के खिलाफ सचिन पायलट ने खुला विद्रोह कर दिया था। सचिन पायलट अपने समर्थक 18 विधायकों को लेकर दिल्ली आ गए थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व से मुलाकात के बाद वह मान गए थे। कांग्रेस पार्टी आलाकमान की ओर से अजय माकन और केसी वेणुगोपाल को जयपुर में पार्टी विधायक से मिलने के लिए भेजा गया है। दोनों नेताओं ने जयपुर में विधायकों के साथ एक अहम बैठक की। सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ मौजूद रहे और गहलोत कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री भी बैठक में शामिल थे। उस वक्त कैबिनेट पदों से इस्तीफा देने वाले विद्रोहियों की दोबारा बहाली होना अभी बाकी है। वहीं, गहलोत कुछ निर्दलीय विधायकों को भी अपने कैबिनेट में जगह देना चाहते हैं। 12 निर्दलीय और 6 बसपा विधायक उनकी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। पिछले साल विद्रोह करने के बाद सचिन पायलट को पार्टी नेतृत्व ने मना लिया था। जिसके बाद उन्होंने फ्लोर टेस्ट में गहलोत सरकार का समर्थन किया था। तभी से उनकी मांग रही है कि उनके लोगों को मंत्रिमंडल में जगह मिले।राजस्थान के चीफ व्हीप महेश जोशी ने कहा, ‘हम सब ने मिलकर चर्चा की है इससे कुछ पॉजिटिव निकल के आएगा। वहीं, राजस्थान कांग्रेस पार्टी के प्रभारी अजय माकन ने कहा, ‘मैं ऐसे अहम फैसलों को किसी तारीख में नहीं बांधना चाहता। लेकिन हम सब की राय है की ऐसे अहम फैसले आलाकमान पर छोड़ दिया जाए।
राजस्थान में भी “सियासी सर्जरी” करेगी कांग्रेस
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