जिला चिकित्सालय के पैरामेडिकल स्टाफ ने पेश की कर्तव्यनिष्ठा और मानवता की मिसाल
खतरे की परवाह किये बगैर भगवान बन कर खड़े रहे डाक्टर
जिला चिकित्सालय के डाक्टरों ने बीती रात कोरोना से संक्रमित महिला का सफलतापूर्वक प्रसव करा कर कर्तव्यनिष्ठा के सांथ मानवता की मिसाल पेश की है। इस दौरान बगैर किसी खतरे की परवाह किये पूरा स्टाफ प्रसूता के सामने भगवान कर तब तक खड़ा रहा जब तक कि डिलेवरी नहीं हो गई। महिला ने रात्रि 12.58 पर एक बच्ची को को जन्म दिया। प्रसूता मां अपनी नवजात के सांथ फिलहाल अस्पताल के कोविड केयर सेंटर मे है। डाक्टरों के मुताबिक जच्चा और बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
उमरिया। विगत दिनो जिले के नौरोजबाद मे कोरोना पॉजिटिव हुई महिला तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले के सामने उस समय बेहद गंभीर समस्या खड़ी हो गई जब उसे प्रसव पीड़ा महसूस होने लगी। परिजनो द्वारा रात 8 बजे इसकी सूचना डाक्टरों को दी गई तो वे भी भौचक्के रह गये। एक संक्रमित महिला का प्रसव कराना वाकई बड़ी चुनौती थी। इससे नकेवल इंफेक्शन फैलने का खतरा था बल्कि जरा सी मिस हेण्डलिंग के कारण कोई अनहोनी भी घट सकती थी, परंतु जिला चिकित्सालय के डाक्टरों ने सारा जोखिम लेते हुए महिला को भर्ती कर लिया। इस कार्य के लिये वरिष्ठ चिकित्सक डा. बीके प्रजापति, कोविड-19 के जिला समन्वयक डॉ. संदीप सिंह तथा महिला रोग विशेषज्ञ डा. रश्मि धनंजय और उनकी टीम ने संजीदगी के सांथ कार्य शुरू किया। डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की सूझबूझ और सतर्कता से महिला का सुरक्षित प्रसव करा दिया गया। तारीफ की बात यह रही की करीब 3 किलो वजन के शिशु की नार्मल डिलेवरी कराई गई। इस उल्लेखनीय कार्य मे सिस्टर मंजू सोनी, बेला ताण्डिया और सविता यादव के सांथ सपोर्ट स्टाफ सौरभ सोनी, अजय कोल, सुंदरिया तथा लक्ष्मी का महत्वपूर्ण योगदान था।
नहीं की अपनी चिंता
गौरतलब है कि देश भर मे फैली कोरोना महामारी ने नकेवल हजारों नागरिकों को अपनी चपेट मे ले लिया है बल्कि इलाज मे जुटे दर्जनो डाक्टरों को भी अपनी जान गवानी पड़ी है। इस बात की जानकारी होते हुए भी जिला अस्पताल के डाक्टरों और स्टाफ ने जिस तरह से रिस्क लेकर एक महिला की डिलेवरी कराई, उसकी जितनी भी तारीफ की जाय वह कम है। जानकारों का मानना है कि ऐसी स्थिति मे संक्रमण के डर कहीं भी डिलेवरी होना आसान नहीं था। इस कार्य मे जरा भी देरी महिला और नवजात की जान भी ले सकती थी।
होती रहती है आलोचना
कम स्टाफ तथा सीमित संसाधनो मे कार्य कर रहे जिले के डाक्टरों को आये दिन कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। दुर्घटना या अन्य गंभीर केस को संभाल कर मरीज को स्वस्थ्य घर भेजने पर तो प्रशंसा नहीं होती पर कोई मामला यदि बिगड़ जाय तो उन्हे बिना गलती के भी रोगी के परिजनो का कोपभाजक बनना पड़ता है। इसके बावजूद जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा कई बार अपनी क्षमता और हुनर से लोगों की जिंदगियां बचाई है।
कलेक्टर ने दी बधाई
कोरोना संक्रमित महिला की सफल डिलेवरी कराने पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जिला चिकित्सालय के डाक्टरों को बधाई प्रेषित की है। उन्होने कहा कि डाक्टरों तथा उनके स्टाफ ने निर्भय हो कर जिस तरह से अपने कर्तव्य का पालन किया है, वह अतुलनीय है। इसके सांथ ही उन्होने प्रसूता महिला एवं नवजात शिशु के उज्जवल और स्वस्थ्य जीवन की कामना की है।
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