नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आत्मनिर्भर भारत रक्षा उद्योग पर एक वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। पीएम ने कहा आज यहां हो रहे इस मंथन से जो परिणाम मिलेंगे उससे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को अवश्य बल और गति मिलेगी। पीएम ने कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह इस कार्य के लिए पूरी तरह से मिशन मोड पर जुटे हुए हैं। उनके इन अथक प्रयासों के कारण अच्छे परिणाम मिलना निश्चित है। उन्होंने कहा कई सालों से भारत सबसे बड़े रक्षा आयातकों में से एक रहा है। जब भारत को आजादी मिली, तो उसकी रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में अधिक क्षमता थी लेकिन दुर्भाग्य से इस विषय पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा सका। मोदी ने कहा हमारा उद्देश्य है नई तकनीक का भारत में ही विकास हो। प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिक विस्तार हो। इसके लिए लाइसेंङ्क्षसग प्रक्रिया में सुधार, लेवल प्लेइंग फील्ड की तैयारी, एक्सपोर्ट प्रक्रिया का सरलीकरण, ऑब्सेट के प्रावधानों में सुधार जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा अब पहली बार रक्षा क्षेत्र में ७४ प्रतिशत तक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ऑटोमैटिक रूट(सरकारी मंजूरी के बगैर) से आने का रास्ता खोला जा रहा है। ये नए भारत के आत्मविश्वास का परिणाम है।
रक्षा क्षेत्र मे पहली बार 74 फीसदी तक एफडीआई
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