बांधवभूमि, शहडोल। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा बुद्धदेव कर्मासकर विरूद्ध पश्चिम बंगाल शासन एवं अन्य में दिए गए निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश श्री वीरेन्द्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा यौन कर्मियों के मूलभूत अधिकारों और उनके लिए शासन द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहडोल की सचिव श्रीमती निशा विश्वकर्मा द्वारा की गई। कार्यशाला में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अमित शर्मा, एडवोकेट अंकिता सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला एड्स नियंत्रण कमेटी के प्रभारी अधिकारी, महिला थाना, टी.आई. प्रोजेक्ट सहारा मंच के प्रतिनिधि एवं पैरालीगल वॉलेंटियर्स उपस्थित रहे। जिला न्यायाधीश श्रीमती विश्वकर्मा ने कार्यशाला में यौन कर्मियों के मौलिक अधिकार एवं उनके प्रति जन -सामान्य के कर्तव्यों, पुलिस का यौन कर्मियों के प्रति संवेदनशील व्यवहार, यौन कर्मियों की ट्रेफिकिंग की रोकथाम संबंधी उपायों की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसे यौन कर्मी जो पुर्नवास के माध्यम से समाज की मुख्य धारा में जुड़ना चाहते हैं उनके उनके लिए भी प्रावधान है। श्रीमती विश्वकर्मा ने कहा कि यौन कर्मियों के साथ भी सामान्य व्यक्तियों की भांति बर्ताव करना चाहिए, जिसके लिए जन जागृति की आवश्यकता है। यौन कर्मियों के बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़े जाने हेतु शासन एवं समाज दोनों के द्वारा ठोस कदम उठाए जाएंगे तभी यौन कर्मियों की दशा में सुधार किया जा सकता है।
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