योद्धा हुए दूध की मक्खी

योद्धा हुए दूध की मक्खी
बेराजगार घूम रहे कोरोना काल मे सेवायें देने वाले कर्मी, कोई नहीं ले रहा सुध
बांधवभूमि, उमरिया
कोरोना काल मे अपनी जान हथेली पर रख मरीजों की जीवन रक्षा करने वाले स्वास्थ्य कर्मी आज बेरोजगार हो कर दर-दर भटक रहे हैं। कभी कोरोना योद्धा के खिताब से नवाजे गये इन सभी कर्मचारियों को शासन ने सेवा मुक्त कर दिया है। अब इनके पास कोई काम नहीं है, और भविष्य अंधकारमय है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 मे कोरोना की पहली लहर आने के बाद अन्य स्थानो की तरह जिले मे भी विशेषज्ञ डाक्टर, नर्स, सपोटिंग स्टाफ आदि की भर्तियां की गई थी। उस खतरनाक दौर मे जब बड़े-बड़े अस्पताल कोविड के मरीजों को हांथ तक लगाने से परहेज कर रहे थे, तब इन लोगों ने सरकार के सांथ कंधे से कंधा मिला कर नकेवल अपनी सेवायें दी बल्कि सैकड़ों लोगों को स्वस्थ कर घर भेजा। जानकारों का मानना है कि उस समय तो फूल बरसा कर कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई, परंतु जैसे ही काम निकला, उन्हे दूध की मक्खी की तरह निकाल कर बाहर फेंक दिया गया।
महामारी से करते रहे लड़ाई
जिले मे कोरोना की दस्तक के बाद शासन के आदेश पर जिले मे 54 कर्मचारियों को टेम्परेरी तौर पर रखा गया था। एक वर्ष पूरा होने और दूसरी लहर आने पर उनकी सेवा का नवीनीकरण कर दिया गया। फिर जैसे-जैसे कोविड का असर कम होता गया, कर्मचारियों को बाहर किया जाने लगा। अंतत: 31 मार्च 2022 को सरकार ने सभी कर्मियों को पृथक करने का फरमान जारी कर दिया। कर्मचारियों ने करीब दो वर्ष तक भरपूर मेहनत की, जिससे महामारी से लड़ाई मे काफी मदद मिली।
अन्य प्रांतों मे की गई व्यवस्था
सेवा से पृथक किये गये कर्मचारियों का कहना है कि उन्होने कोरोना का भयानक मंजर देखा और बिना डरे उसका मुकाबला किया। उन्हे उम्मीद थी कि इस कठोर परिश्रम के बदले सरकार उनके लिये कोई तो व्यवस्था तो जरूर करेगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होने बताया कि अन्य राज्यों मे कोविड काल के समय भर्ती कर्मचारियों को एक पृथक विभाग बना कर सेवायें ली जा रही है, परंतु मध्यप्रदेश मे इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जिले मे 54 कर्मचारी
जानकारी के मुताबिक कोरोना काल मे जिले के अस्पतालों मे करीब 54 भर्तियां की गई थीं। जिसमे विशेषज्ञ डाक्टर 1, आयुष एवं दंत चिकित्सक 11, लैब टेक्नीशियन 7, स्टाफ नर्स 15, कम्प्यूटर ऑपरेटर 2, फार्मासिस्ट 1, सपोर्ट स्टाफ 11, ओटी टेक्नीशिन 1, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन 1, ऑक्सीजन टेक्नीशियन 1, कोल्ड चैन टेक्नीशियन 1, इलेक्ट्रीशियन 1 आदि शामिल हैं। इन सभी को सेवा से बाहर कर दिया गया है।

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