योगी ने फिर संभाली उप्र की कमान

52 मंत्रियों संग ली पद और गोपनीयता की शपथ, कई दिग्गजों ने की शिरकत
लखनऊ । देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने अपने मंत्रिमण्डल में एक बार फिर दो उप मुख्यमंत्री बनायें हैं। योगी के साथ कुल 52 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसमें 18 कैबिनेट इसके अलावा 14 लोगों को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। जबकि 20 लोग राज्यमंत्री बनाये गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, अनुप्रिया पटेल, जनरल वीके मलिक आदि मौजूद रहे।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने योगी आदित्यनाथ को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले गुरुवार को लोकभवन में योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुना गया था। इस मौके पर पर्यवेक्षक के तौर पर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मौजूद रहे। भाजपा विधायक दल की बैठक में सुरेश कुमार खन्ना ने योगी के नाम का प्रस्ताव रखा जिस पर सभी विधायकों ने सहमति दे दी। उन्हें विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव नवीं बार विधायक चुने गए सुरेश खन्ना ने रखा। इसका अनुमोदन सूर्य प्रताप शाही, बेबी रानी मौर्य, रामनरेश अग्निहोत्री, सुशील शाक्य, नंदगोपाल नंदी ने किया।

24 के लोकसभा चुनाव पर फोकस
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। मंत्रिमण्डल के गठन के बाद अब पार्टी का सारा फोकस 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की ओर है। मंत्रिमण्डल के गठन में भी इसकी झलक देखने को मिली। जिसमें जातीय व क्षेत्रीय समीकरण के साथ पुरानी कैबिनेट में रहे विधायकों का सम्मान भी बरकरार रखा गया है। योगी 2.0 सरकार में कई हैवीवेट पुराने मंत्रियों की छुट्टी भी कर दी गयी है। योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में डा. महेन्द्र सिंह, सतीश महाना, आशुतोष टंडन गोपाल जी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, नीलकंठ तिवारी तथा जय प्रताप सिंह मंत्री नहीं बनाये गये हैं। मंत्रिमंडल से मोहसिन रजा को भी हटाते हुए दूसरे मुस्लिम चेहरे दानिश आजाद को मौका दिया गया है। डा. दिनेश शर्मा को विधान परिषद का सभापति बनाया जा सकता है। सतीश महाना विधानसभा अध्यक्ष हो सकते हैं।

इन्हे मिला स्वतंत्र प्रभार
योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में जिन्हें मंत्री बनाया गया है उनमें-केशव प्रसाद मौर्य तथा ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। जबकि स्वतंत्र देव सिंह, सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जय वीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल नंदी, भूपेन्द्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, आशीष पटेल तथा संजय निषाद को काबीना मंत्री के रुप में शपथ दिलायी गयी है। वहीं नितिन अग्रवाल, कपिल देव अग्रवाल, रविन्द्र जायसवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीष चंद यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेन्द्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना तथा दयाशंकर मिश्र दयालु को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।

ये बने राज्यमंत्री
इसके अलावा मयंकेश्वर शरण सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गौंड, बलदेव सिंह औलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल ‘मुन्नू कोरी’, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, केपी मलिक, सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान वाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर ‘गुरु’, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी तथा विजय लक्ष्मी गौतम को राज्यमंत्री बनाया गया है।

 जनता की सच्ची सेवा की लेनी चाहिए शपथ : अखिलेश
योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश ने ट्वीट किया कि नई सरकार को बधाई कि वहां सपा के बनाए स्टेडियम में शपथ ले रही है। शपथ सिर्फ सरकार बनाने की नहीं, जनता की सच्ची सेवा की भी लेनी चाहिए। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। योगी सरकार में केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया है। बता दें कि स्टेडियम का निर्माण अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ था। बाहर से मुगल आर्किटेक्चर वाला और अंदर से खेलों के लिए सभी सुविधाओं से ये स्टेडियम लैस है। 2018 में योगी सरकार ने स्टेडियम का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर दिया था। यहां पर अभी एक टी 20 मैच भी आयोजित किया जा चुका है। इस स्टेडियम की क्षमता 50 हजार के करीब है। लेकिन क्रिकेट का ये स्टेडियम अब योगी के दूसरे कार्यकाल का साक्षी भी बन गया है।

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